महाकुंभ में डुबकी के बाद पंचक्रोशी परिक्रमा करना क्यों जरूरी?


2025/01/27 09:17:50 IST

त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान

    महाकुंभ मेले के चलते लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं.

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मृत्यु के बाद मोक्ष

    ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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पंचक्रोशी परिक्रमा

    पवित्र स्नान के साथ-साथ, शास्त्रों में पंचक्रोशी परिक्रमा को भी मुक्ति का मार्ग माना गया है.

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पवित्र शहर के चारों ओर यात्रा

    पंचक्रोशी परिक्रमा प्रयागराज के पवित्र शहर के चारों ओर एक पूजनीय यात्रा है, जो लगभग 60 किलोमीटर तक फैली हुई है.

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त्यागियों और ऋषियों के बराबर फल

    माना जाता है कि पवित्र जल में स्नान करने के बाद पंचक्रोशी परिक्रमा करने वाले भक्तों को त्यागियों और ऋषियों के बराबर आध्यात्मिक फल मिलता है.

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पवित्रता की गहन अनुभूति

    पंचक्रोशी परिक्रमा करने से आध्यात्मिक शांति और पवित्रता की गहन अनुभूति होती है.

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पांच दोषों पर विजय

    यह भक्तों को पांच दोषों वासना, क्रोध, मोह, अभिमान और लोभ पर विजय पाने में मदद करता है.

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महत्वपूर्ण धार्मिक समागम

    महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है. कुंभ हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है.

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अमृत स्नान

    29 जनवरी , 3 फरवरी, 12 फरवरी और 26 फरवरी को अमृत स्नान होना है.

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