धराली से केदारनाथ तक, हाल की घटनाओं ने बदल दी पहाड़ों की तस्वीर
धराली में अचानक तबाही
उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से बाढ़ और भूस्खलन ने कहर बरपाया. चार लोगों की जान गई, कई लापता. गांव में मलबे और पानी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया.
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राहत कार्यों में तेजी
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, और स्थानीय पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री वितरित करने का काम जोरों पर है.
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सीएम धामी का आश्वासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर कड़ी नजर रखने का दावा किया. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है. सभी संसाधन तैनात हैं.
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यमुनोत्री राजमार्ग पर हादसा
2 अगस्त, 2024 को केदारनाथ घाटी में बादल फटने से बाढ़ और भूस्खलन ने तीर्थयात्रियों को मुश्किल में डाला था. सारे यात्रा मार्ग बंद हो गए थे, कई लोग फंसे थे.
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घनसाली की दुखद घटना
टिहरी गढ़वाल के घनसाली में 1 अगस्त, 2024 को बादल फटने से एक भोजनालय तबाह हो गया था. जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और केदारनाथ मार्ग को भी नुकसान पहुंचा था.
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धारचूला में बाढ़ का प्रकोप
पिथौरागढ़ के खोतिला में सितंबर 2022 में बादल फटने से काली नदी उफान पर आई. एक महिला की जान गई थी.
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देहरादून और टिहरी में आपदा
देहरादून, टिहरी, और पौड़ी में 20 अगस्त, 2022 को बादल फटने से नदियां उफनीं थी. इसमें पुल टूटे, टपकेश्वर मंदिर जलमग्न.
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मानसून की बढ़ती चुनौतियां
उत्तराखंड में मानसून के दौरान बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं. ये आपदाएं सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं.
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