विज्ञापन जगत के जादूगर पीयूष पांडे का 70 वर्ष में निधन


2025/10/24 10:55:49 IST

एक युग का अंत

    विज्ञापन की दुनिया के दिग्गज पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. उनकी बहन, जानी-मानी कलाकार इला अरुण ने शुक्रवार को इस दुखद खबर की घोषणा की. इला ने कहा कि आज सुबह हमने अपने सबसे प्यारे और महान भाई को खो दिया.

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विज्ञापन की आत्मा

    पद्मश्री और एलआईए लीजेंड पुरस्कार से सम्मानित पीयूष पांडे को भारतीय विज्ञापन जगत का मसीहा माना जाता था. उनके रचनात्मक दिमाग ने भारत के सबसे यादगार विज्ञापन अभियानों को जन्म दिया, जिन्होंने न सिर्फ ब्रांड्स को बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ा.

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अबकी बार मोदी सरकार

    2014 के लोकसभा चुनाव में पीयूष पांडे ने बीजेपी के लिए अबकी बार मोदी सरकार नारा दिया. यह नारा इतना लोकप्रिय हुआ कि इसने पूरे देश में हलचल मचा दी और राजनीतिक विज्ञापनों की दिशा बदल दी.

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फेविकोल का जादू

    फेविकोल के विज्ञापन जैसे फेविकोल बस, फेविकोल फिश और फेविकोल सोफा ने उनकी रचनात्मकता का लोहा मनवाया. इन विज्ञापनों ने न सिर्फ ब्रांड को मजबूत किया, बल्कि भारतीय घरों में हंसी और भावनाओं का रंग भरा.

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सामाजिक बदलाव के लिए

    पोलियो उन्मूलन के लिए अमिताभ बच्चन के साथ उनका अभियान हो या कैंसर मरीज एसोसिएशन के लिए धूम्रपान विरोधी कैंपेन, पीयूष ने सामाजिक मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ पेश किया. बेल बजाओ जैसे अभियानों ने समाज में बदलाव की लहर पैदा की.

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'कुछ खास है' कैडबरी

    कैडबरी डेयरी मिल्क के विज्ञापन कुछ खास है ने मिठास को भावनाओं से जोड़ा. पीयूष की कहानी कहने की कला ने इस अभियान को हर उम्र के लोगों का पसंदीदा बना दिया.

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वोडाफोन का प्यारा 'पग'

    वोडाफोन के पग और ज़ूज़ूज़ विज्ञापनों ने ब्रांड को एक अनूठी पहचान दी. पीयूष की सादगी और हास्य से भरी कहानियों ने इन विज्ञापनों को हर दिल में बसाया.

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भारतीय संस्कृति का उत्सव

    मिले सुर मेरा तुम्हारा (1988) और गुजरात पर्यटन जैसे अभियानों में पीयूष ने भारतीय संस्कृति और एकता को खूबसूरती से दर्शाया. उनके विज्ञापन सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि एक कहानी थे.

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एक अमर विरासत

    चल मेरी लूना, गुगली वूगली वूश (पॉन्ड्स), हर घर कुछ कहता है (एशियन पेंट्स) जैसे अभियानों ने पीयूष पांडे को विज्ञापन की दुनिया का सितारा बनाया. उनकी रचनाएँ हमेशा जीवंत रहेंगी.

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