ठंड बढ़ते ही फेफड़ों पर मंडराता संकट, जानें निमोनिया से कैसे बचें


2025/11/12 14:45:18 IST

मौसम बदलने से बढ़ेगी परेशानी

    सर्द हवाओं का मौसम न केवल ठिठुरन लाता है, बल्कि श्वसन तंत्र की गंभीर बीमारियों को भी न्योता देता है.

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निमोनिया सबसे खतरनाक

    इनमें निमोनिया सबसे खतरनाक है, जो बच्चों, बुजुर्गों और मधुमेह, दिल की बीमारी या पुरानी सांस की तकलीफ वाले मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

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प्रतिरोधक क्षमता कमजोर

    इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे साधारण संक्रमण भी तेजी से घातक रूप ले लेता है.

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वायरस और बैक्टीरिया का संकट

    ठंड में वायरस और बैक्टीरिया आसानी से पनपते हैं. घरों में बंद जगहों पर भीड़ और हवा का कम आदान-प्रदान संक्रमण को और तेज करता है. इसलिए सर्दियों में बचाव कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य है.

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हाथों की सफाई

    फ्लू और न्यूमोकोकल संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन, हाथों की सफाई और भीड़भाड़ में मास्क जैसे सरल कदम स्वस्थ ठंड का आधार बन सकते हैं.

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मजबूत इम्यूनिटी की नींव

    बच्चों के लिए पौष्टिक आहार और समय पर टीके मजबूत इम्यूनिटी की नींव रखते हैं. वहीं वयस्कों को अपनी पुरानी बीमारियों का खयाल रखते हुए सक्रिय रहना और गर्म कपड़ों से खुद को ढकना चाहिए.

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डॉक्टर से करें संपर्क

    खासकर सह-रुग्ण मरीजों को सावधानी बरतनी जरूरी है. बुखार, खांसी या सांस फूलने जैसे संकेत दिखें तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.

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बचाव जरूरी

    बचाव केवल व्यक्तिगत सुरक्षा नहीं, बल्कि परिवार और अस्पतालों पर पड़ने वाले दबाव को भी घटाता है.

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मास्क लगाने की सलाह

    सतर्कता और त्वरित कदम से निमोनिया को रोका और ठीक किया जा सकता है. इसके लिए हाथ धोने और भीड़ में मास्क लगाने की सलाह है.

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