शरीर में कैसे चलता है कोलेस्ट्रॉल का पूरा खेल?


2025/10/30 12:35:42 IST

कोलेस्ट्रॉल का गणित

    भारत में युवाओं मे हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. जिसके लिए कोलेस्ट्रॉल को जिम्मेदार ठहराया जाता है. आज हम आपको इससे जुड़े पूरे गणित के बारे में समझाएंगे. क्योंकि आपके स्वास्थ्य के लिए इसे समझना जरूरी है.

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हर कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए हानिकारक है?

    शरीर को कोशिकाएं बनाने, हार्मोन पैदा करने, विटामिन डी संश्लेषित करने और वसा पचाने के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी है. एचडीएल (अच्छा) अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को लीवर भेजकर साफ करता है, जबकि एलडीएल (खराब) धमनियों में प्लाक जमाता है. दुश्मन कोलेस्ट्रॉल नहीं, बल्कि एलडीएल की अधिकता और एचडीएल की कमी का मेल है.

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डे खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?

    आहार से आने वाला कोलेस्ट्रॉल रक्त स्तर को सीधे प्रभावित नहीं करता. लीवर खुद 70-80% कोलेस्ट्रॉल बनाता है और खान-पान के अनुसार इसे नियंत्रित करता है. स्वस्थ लोगों के लिए moderate अंडे सुरक्षित हैं. समस्या साथ के तले हुए सामान या अतिरिक्त फैट में है, न कि अंडे में.

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सिर्फ मोटे या बुजुर्गों को ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है?

    जेनेटिक्स, स्ट्रेस, अनहेल्दी ईटिंग या कम एक्टिविटी से पतले और युवा लोग भी प्रभावित हो सकते हैं. शहरी भारतीय युवाओं में एलडीएल लेवल तेजी से बढ़ रहा है,

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उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण खुद महसूस हो जाते हैं?

    ये साइलेंट किलर है. कोई दर्द या असुविधा नहीं, सिर्फ धमनियां धीरे-धीरे ब्लॉक होती रहती हैं. अचानक अटैक या स्ट्रोक तक कुछ पता नहीं चलता. 30+ उम्र वालों या फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट अनिवार्य है.

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लो-फैट डाइट ही कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का बेस्ट तरीका?

    सभी फैट्स बुरे नहीं. ऑलिव ऑयल, नट्स, सीड्स और फैटी फिश जैसे हेल्दी फैट्स एचडीएल बढ़ाते हैं और हार्ट प्रोटेक्ट करते हैं. असली विलेन ट्रांस फैट्स और एक्सेस सैचुरेटेड फैट्स हैं. बैलेंस्ड प्लेट बनाएं, ओवरईटिंग अवॉइड करें.

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ट्रेडिशनल इंडियन फूड हमेशा हेल्दी होता है?

    दालें, ग्रेन्स, स्पाइसेस और फर्मेंटेड आइटम्स न्यूट्रिएंट्स से भरपूर हैं, लेकिन एक्सेस ऑयल, घी या शुगर कुकिंग में फायदे कम कर देते हैं. प्रॉब्लम रेसिपी में नहीं, प्रिपरेशन में है. लाइट कुकिंग, पोर्शन कंट्रोल और स्मार्ट फैट यूज से इंडियन डिशेज को हार्ट-फ्रेंडली बनाया जा सकता है.

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गुड-बैड फैट्स

    कोलेस्ट्रॉल आवश्यक है, लेकिन बैलेंस कुंजी है. गुड-बैड फैट्स का अंतर समझें, रेगुलर स्क्रीनिंग करवाएं और एक्टिव रहें , ये स्टेप्स हार्ट डिजीज को रोक सकते हैं.

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