इंटरमिटेंट फास्टिंग ही नहीं नहीं वॉटर फास्ट का भी बढ़ रहा ट्रेंड
पानी पीकर उपवास
वॉटर फास्टिंग आजकल खूब चर्चा में है. इसमें केवल पानी पीकर कई घंटे या दिन तक उपवास किया जाता है.
Credit: Social Media
3 दिन तक वॉटर फास्ट
इस फास्टिंग के दौरान कोई खाना, कोई जूस, सिर्फ पानी! कुछ लोग इसे 1 दिन, तो कुछ 3 या 7 दिन तक करते हैं. लेकिन क्या होता है जब आप 3 दिन तक वॉटर फास्ट करते हैं? आइए जानें.
Credit: Social Media
ग्लाइकोजन का खर्च
पहले 24 घंटों में आपका शरीर संग्रहीत ग्लाइकोजन को ईंधन के रूप में जलाता है. ग्लाइकोजन पानी से जुड़ा होता है, इसलिए इसके खत्म होने से शरीर का पानी वजन कम होता है. नतीजा? आप हल्का और फुर्तीला महसूस करते हैं.
Credit: Social Media
कीटोसिस की शुरुआत
दूसरे दिन तक ग्लाइकोजन खत्म हो जाता है. अब शरीर वसा को तोड़कर कीटोन बनाता है, जो नया ईंधन बनता है. यह कीटोसिस की स्थिति है, जो आपके मेटाबॉलिज्म को बदल देती है.
Credit: Social Media
इंसुलिन में कमी, सेहत में सुधार
वॉटर फास्टिंग के दौरान इंसुलिन का स्तर तेजी से गिरता है. रक्त में ग्लूकोज नहीं जाता, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है. यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने का शानदार तरीका हो सकता है.
Credit: Social Media
सूजन से राहत
अध्ययन बताते हैं कि उपवास सूजन मार्करों जैसे सी-रिएक्टिव प्रोटीन को कम करता है. कम सूजन का मतलब है हृदय रोग और गठिया जैसे रोगों का खतरा कम होना.
Credit: Social Media
शरीर की गहरी सफाई: ऑटोफैगी
वॉटर फास्टिंग का सबसे बड़ा फायदा है ऑटोफैगी. यह शरीर की वह प्रक्रिया है, जो पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को हटाकर नई, स्वस्थ कोशिकाओं को जन्म देती है. यह सेलुलर स्तर पर गहरी सफाई है.
Credit: Social Media
सावधानी जरूरी
वॉटर फास्टिंग हर किसी के लिए नहीं है. इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें. यह स्टोरी केवल जानकारी के लिए है, चिकित्सा सलाह नहीं.
Credit: Social Media
View More Web Stories