मानसून में क्यों बढ़ जाता है कंजंक्टिवाइटिस का खतरा? जानें उपाय
गुलाबी आंख
कंजंक्टिवाइटिस, जिसे गुलाबी आंख के नाम से भी जाना जाता है. यह बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के साथ-साथ एलर्जी प्रतिक्रियाओं से भी शुरू हो सकता है.
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संक्रमण फैलने का जोखिम
मानसून के मौसम में एलर्जी के संपर्क में आने से तौलिये जैसी निजी वस्तुओं को साझा करने और प्रदूषित वर्षा जल के संपर्क में आने के कारण इस संक्रमण के फैलने का जोखिम बढ़ जाता है.
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क्यों होता है कंजंक्टिवाइटिस
मानसून का मौसम वह समय होता है जब कंजंक्टिवाइटिस सबसे ज़्यादा होता है. बढ़ी हुई नमी और नमी बैक्टीरिया और वायरस के विकास के लिए आदर्श परिस्थितियां बनाती हैं.
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क्या है लक्षण?
आम लक्षणों में लालिमा, दर्द, पानी या मवाद से भरा स्राव और आंखों में किरकिरापन शामिल है.
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धुंधली दृष्टि
कुछ व्यक्तियों को धुंधली दृष्टि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का भी अनुभव हो सकता है. अधिकांश मामले एक सप्ताह के भीतर यह परेशानी अपने आप ठीक हो जाते हैं.
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बढ़ सकती है परेशानी
हालांकि इसके बाद भी अगर परेशानी कम ना हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए. नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है.
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इस बात का रखें ख्याल
हालांकि इससे बचने के लिए डॉक्टर कुछ सुझाव देते हैं, जिनमें आखों को ना छूना, नियमित रूप से अपने हाथों को धोना और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचने के लिए कहा जाता है.
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ऐसे मिलेगी राहत
इसके अलावा हल्के राहत के लिए आप ठंडे पानी से आंखों को धो सकते हैं. अगर फिर भी आराम ना मिले तो तुरंत सही डॉक्टर के पास जाए.
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