पूर्णिमा के दिन इन जगहों पर जरूर करें सैर
हर आकार में अलग खूबसूरती
ना जाने कितने कवियों ने अपनी रचनाओं में चांद का जिक्र किया हो. उसके हर एक आकार में अलग सी खूबसूरती है.
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कुछ जगहें
अगर आप भी चांद की खूबसूरती को निहारना चाहतें तो आज यहां हम आपको कुछ जगहें बताने वाले हैं.
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खूबसूरती के चरम पर
इन जगहों पर आप पूर्णिमा की रात जाकर खूबसूरत चांद को उस वक्त देख सकते हैं जब वो अपने खूबसूरती के चरम पर हो.
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कच्छ का रण
कच्छ का रण एक रेगिस्तान जो बर्फ की तरह चमकता है. गुजरात के नमक से पके हुए विस्तार में, कच्छ का रण पूर्णिमा के नीचे एक विशाल दर्पण की तरह चमकता है.
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केरल का बैकवाटर
चांद को हाउसबोट के धनुष से सबसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है. केरल के शांत बैकवाटर में बहें, जहाँ ताड़ के पेड़ झूमते हैं और चांद का प्रतिबिंब पानी पर लोरी की तरह लहराता है.
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त्सो मोरीरी, लद्दाख
लद्दाख में 14,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर, त्सो मोरीरी सितारों के नीचे शांत और पवित्र है. दिन में यह नीलम के रंगों में चमकता है, लेकिन चांदनी में यह कुछ अवास्तविक हो जाता है.
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नीरमहल, त्रिपुरा
रुद्रसागर झील पर बना, नीरमहल चांद उगने पर राजसी भूत की तरह चमकता है. महल का प्रतिबिंब और झील के पानी की झिलमिलाहट एक सम्मोहक दृश्य में विलीन हो जाती है.
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चंद्रताल
लाहौल-स्पीति की घाटियों में चंद्रताल है, जिसे चांद की झील कहा जाता है. जहां हिमालय के सितारों के नीचे ट्रेकर्स डेरा डालते हैं. पूर्णिमा की रातों में, झील शांत राजसी चमक के साथ चमकती है.
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उदयपुर
राजस्थान के मुकुट रत्न उदयपुर में, चांदनी लहरदार झीलों और संगमरमर के महलों पर नाचती है. एक साफ पूर्णिमा की रात में, सिटी पैलेस से जग मंदिर तक नाव पर चढ़ें या पिछोला झील पर धीरे-धीरे तैरें.
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