वक्त पर लिखे गए गुलज़ार के खूबसूरत शेर


2023/12/16 22:28:13 IST

वक़्त

    वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है

सुकून

    एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियां पाल लीं, और लोग कहते हैं कि हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली

गुलज़ार

    टूट जाना चाहता हूं, बिखर जाना चाहता हूं,मैं फिर से निखर जाना चाहता हूं, मानता हूं मुश्किल है,लेकिन मैं गुलज़ार होना चाहता हूं

खूबसूरत

    पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जाता है कि आधा चांद भी खूबसूरत होता है

मोम

    दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नहीं रहा

ज़िन्दगी

    ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी

उम्मीदें

    तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गईं

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