कैसे शराब आपकी सोच, व्यवहार और स्वास्थ्य के लिए 'जहर'


2025/09/19 12:27:47 IST

शराब और मस्तिष्क का रिश्ता

    शराब आपके मस्तिष्क को गहराई से प्रभावित करती है. यह न केवल आपकी सोच और व्यवहार को बदलती है, बल्कि लंबे समय तक इसका सेवन मस्तिष्क को स्थायी नुकसान भी पहुँचा सकता है.

Credit: Social Media

अल्पकालिक प्रभाव

    शराब एक न्यूरोटॉक्सिन है, जो मस्तिष्क के संचार तंत्र को बाधित करती है. इससे बोलने में अस्पष्टता, धुंधली दृष्टि और संतुलन की समस्या हो सकती है. शुरुआत में शराब आपको कम संकोची बनाती है, लेकिन अधिक मात्रा में यह आक्रामकता और मनोदशा में बदलाव लाती है.

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मस्तिष्क का सिकुड़ना

    लंबे समय तक शराब पीने से मस्तिष्क सिकुड़ सकता है, खासकर स्मृति और भाषा से जुड़े हिस्सों में. यह स्मृति हानि, भूलने की बीमारी और यहाँ तक कि वर्निक-कोर्साकॉफ सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

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मानसिक स्वास्थ्य पर बोझ

    अत्यधिक शराब का सेवन चिंता, अवसाद और दीर्घकालिक मनोविकृति का जोखिम बढ़ाता है. यह मस्तिष्क कोशिकाओं को कमजोर करता है, जिससे स्ट्रोक और मनोभ्रंश जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं.

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शराब कैसे करती है हमला?

    शराब मस्तिष्क के दो प्रमुख संचार तंत्रों, GABA और ग्लूटामेट प्रणाली को प्रभावित करती है. यह GABA को बढ़ाकर मस्तिष्क की गतिविधि को धीमा करती है और ग्लूटामेट को बाधित करके दिमाग की उत्तेजना को कम करती है.

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सावधानी ही बचाव

    शराब का सीमित और जिम्मेदारीपूर्ण सेवन मस्तिष्क को होने वाले नुकसान को कम कर सकता है. अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और शराब के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जागरूक रहें.

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मात्रा कम करें

    शराब का मस्तिष्क पर प्रभाव गंभीर और स्थायी हो सकता है. सही समय पर सही कदम उठाकर आप अपने दिमाग को स्वस्थ रख सकते हैं. आज ही शराब की मात्रा कम करें और अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएँ!

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