विश्व हिंदी दिवस पर जानिए हिंदी के 10 हिडन फैक्ट
हिंदी का वैश्विक रंग
हिंदी सिर्फ भारत की भाषा नहीं, बल्कि एक वैश्विक शक्ति है. यह साहित्य, सिनेमा और संस्कृति के माध्यम से दुनिया भर में लोगों को जोड़ती है.
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दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भाषा
हिंदी दुनिया में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा है. भारत से लेकर मॉरीशस, फिजी, नेपाल और यूके तक, यह लाखों लोगों को एक सूत्र में बांधती है.
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18 करोड़ से ज़्यादा देशी वक्ता
भारत में 18 करोड़ से अधिक लोग हिंदी को अपनी मातृभाषा मानते हैं. इसके अलावा, विश्व भर में हिंदी बोलने वालों की संख्या इसे जीवंत बनाती है.
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दूसरी भाषा के रूप में लोकप्रिय
हिंदी न केवल मातृभाषा है, बल्कि लाखों लोग इसे दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में बोलते हैं. यह भारत के विविध भाषाई समुदायों को जोड़ने का सेतु है.
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120 से अधिक बोलियाँ
हिंदी की खूबसूरती इसकी बोलियों में है. ब्रज, अवधी, भोजपुरी और हरियाणवी जैसी बोलियाँ हिंदी को एक रंगीन सांस्कृतिक गुलदस्ता बनाती हैं.
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संस्कृत से गहरा नाता
हिंदी की 70% शब्दावली संस्कृत से आती है. साथ ही, यह फारसी, अरबी और अंग्रेजी शब्दों को अपनाकर और समृद्ध होती है.
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देवनागरी की शान
हिंदी की खूबसूरत देवनागरी लिपि इसे संस्कृत से जोड़ती है. यह लिपि हिंदी को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गहराई देती है.
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हिंदी और उर्दू का अनोखा रिश्ता
हिंदी और उर्दू एक ही जड़ से निकली हैं. अनौपचारिक बातचीत में ये एक-दूसरे को समझने का अनोखा रिश्ता साझा करती हैं.
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बॉलीवुड में हिंदी की धूम
बॉलीवुड के गाने और संवादों ने हिंदी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई. हिंदी शब्द अब वैश्विक शब्दावली का हिस्सा बन रहे हैं.
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एकता की भाषा
हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि भारत की विविधता को जोड़ने का सेतु है. यह हमें हमारी साझा पहचान का जश्न मनाने का मौका देती है.
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राष्ट्रीय हिंदी दिवस की कहानी
14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा बनाया गया. इस दिन को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाकर हम अपनी भाषा को गर्व से याद करते हैं.
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भावनाओं और संस्कृति का खज़ाना
हिंदी सिर्फ शब्दों का समूह नहीं, बल्कि भावनाओं और संस्कृति का खज़ाना है. इसे बोलें, लिखें और जीएं क्योंकि हिंदी हम सबकी है!
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