जानें किस दिन शुरू होगी पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा
रथ यात्रा की शुरुआत
पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध धार्मिक उत्सव है. यह नौ दिवसीय आयोजन 27 जून 2025 से शुरू होगा. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां पुरी मंदिर से गुंडिचा मंदिर ले जाई जाएंगी. यह यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से शुरू होकर दशमी तक चलेगी.
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तीन देवताओं के तीन रथ
हर देवता का अपना अनूठा रथ होता है. जगन्नाथ का रथ नंदीघोष, बलभद्र का तलध्वज और सुभद्रा का दर्पदलन कहलाता है. ये रथ भक्तों की आस्था का प्रतीक हैं.
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रंग और सजावट का जादू
रथों की सजावट उनकी पहचान है. जगन्नाथ का रथ पीला-लाल, बलभद्र का हरा-लाल और सुभद्रा का काला-लाल होता है. ये रंग देवताओं के चरित्र को दर्शाते हैं.
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हर साल नया निर्माण
रथों का निर्माण हर साल नए सिरे से होता है. नीम और अंजीर की लकड़ी का उपयोग किया जाता है. कील या धातु के बजाय लकड़ी के खूंटे और रस्सियों का इस्तेमाल होता है.
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भक्तों का उत्साह
लाखों भक्त रथों को रस्सियों से खींचते हैं. इसे बहुत शुभ माना जाता है. भक्तों का विश्वास है कि रथ खींचने से मोक्ष और आशीर्वाद मिलता है.
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परंपरागत निर्माण
रथों का निर्माण वंशज बढ़ई करते हैं. यह जिम्मेदारी पीढ़ियों से चली आ रही है. निर्माण से पहले विशेष रस्में निभाई जाती हैं.
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विश्व भर से श्रद्धालु
पुरी रथ यात्रा में दुनिया भर से लोग शामिल होते हैं. यह उत्सव आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक है.
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गुंडिचा मंदिर की यात्रा
देवता कुछ दिन गुंडिचा मंदिर में रहते हैं. इसके बाद वे वापस जगन्नाथ मंदिर लौटते हैं. यह यात्रा भक्तों के लिए खास होती है.
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आध्यात्मिक महत्व
रथ यात्रा केवल उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव है. यह भक्तों को भगवान के करीब लाता है.
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