जानें गणेश विसर्जन की पूरी विधि और शक्तिशाली मंत्र
गणेश चतुर्थी का उत्साह
भगवान गणेश का आगमन भक्तों के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आया. लेकिन यह उत्सव यहीं खत्म नहीं होता. गणेशोत्सव अनंत चतुर्दशी तक चलता है, जो इस साल 6 सितंबर को है.
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बप्पा को भावभीनी विदाई
इस दिन भक्त गणपति बप्पा को भावभीनी विदाई देते हैं. आइए जानें गणेश विसर्जन की सही विधि और मंत्र.
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गणेश विसर्जन की सरल विधि
सबसे पहले गणेश जी को मोदक, फल और फूल अर्पित करें. इसके बाद भक्ति के साथ गणेश आरती करें. पूजा के बाद मूर्ति को पूजा स्थल से हटाएं. लकड़ी के पाट पर गुलाबी या पीला कपड़ा बिछाएँ और मूर्ति को वहां रखें
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ये खास पोटली का मतलब
मूर्ति के साथ फल, फूल, वस्त्र और मोदक रखें. अब एक छोटी पोटली में सिक्के, चावल, गेहूं और सूखे मेवे बांधें. इस पोटली को मूर्ति के पास रखें. अब मूर्ति को बहते जल में विसर्जित करें.
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अगले साल फिर आने की प्रार्थना
विसर्जन से पहले परिवार के साथ एक बार फिर आरती करें. अंत में, गणपति बप्पा से अगले साल फिर आने की प्रार्थना करें.
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शक्तिशाली गणेश विसर्जन मंत्र
ॐ यंतु देवगणः सर्वे पूजा मदाय मामकीम्, इष्टकं समृद्धार्थं पुनर अपि पुनर आगमनाय च. ये मंत्र भक्ति को और गहरा करते हैं और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करते हैं.
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विसर्जन का भावनात्मक महत्व
गणेश विसर्जन केवल एक रस्म नहीं, बल्कि भक्तों के लिए भावनाओं का संगम है. यह विदाई का क्षण गणपति के प्रति कृतज्ञता और अगले साल उनके स्वागत की आशा से भरा होता है.
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अनंत चतुर्दशी की तैयारी
6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन, गणेश विसर्जन के लिए अपने घर को तैयार करें. स्वच्छता का ध्यान रखें और पूजा सामग्री पहले से इकट्ठा कर लें. यह पर्व भक्ति, विश्वास और एकता का प्रतीक है.
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गणपति बप्पा मोरया!
गणेश चतुर्थी का यह उत्सव हर साल भक्तों को एकजुट करता है. अनंत चतुर्दशी पर गणपति को विदाई देते समय उनके मंत्रों का जाप करें और अगले साल उनके आगमन की प्रतीक्षा करें. गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया!
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