जानें 'संत वैलेंटाइन' कौन थे? जिनके नाम पर मनाते है वैलेंटाइन डे
रोम
संत वैलेंटाइन रोम में एक पादरी थे. वे दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में यक़ीन रखते थे.
रोम के राजा
संत वैलेंटाइन प्रेम को ही अपना जीवन मानते थे और लोगों को भी प्रेम करने के लिए प्रेरित करते थे. लेकिन रोम के राजा क्लॉडियस को पादरी का ये अंदाज बिल्कुल से ना-पसंद था.
रोमन शासक
रोमन शासक का मानना था कि प्रेम और विवाह से पुरूषों की बुद्धि और उनकी शक्ति पर प्रभाव पड़ता है, इस कारण से राजा के राज्य में रहने वाले सैनिक और अधिकारी विवाह नहीं कर सकते थे.
लोगों ने की लव मैरिज
राजा के लाख विरोध के बाद भी संत वैलेंटाइन ने लोगों को प्यार करने और लव मैरिज करने के लिए प्रेरित किया.
लव गुरु
देखते ही देखते संत वैलेंटाइन रोम के लव गुरु होने लगे, लोगों को उनकी बात और उनका कहा हुआ खूब जचा और नतीजा ये निकला कि राज्य में रहने वाले सैनिक और अधिकारियों ने प्यार करके और लव मैरिज करके अपने जीवन के आगे बढ़ाया.
राजा क्लॉडियस
राजा क्लॉडियस की खुद्दारी को चोट लगी और राजा को इतना गुस्सा आया कि उसने पादरी संत वैलेंटाइन को फांसी देने का ऐलान कर दिया.
संत वैलेंटाइन को फांसी
संत वैलेंटाइन को सन् 269 ईसा में 14 फरवरी के दिन ही फांसी पर चढ़ा दिया गया.
'ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन'
ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन किताब के अनुसार, उस दिन के बाद हर साल फांसी वाले दिन यानी 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाने लगा.
मौत के बाद प्रेमिका को दे दी आंखें
मौत के दौरान संत वैलेंटाइन ने अपनी आंखों को जेलर की बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान कर दी थी और एक लेटर में लिखा था, तुम्हारा वैलेंटाइन.
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