दिवाली में लक्ष्मी पूजा का शुभ समय, विधि और महत्व


2025/10/20 09:11:55 IST

दिवाली का पवित्र पर्व

    रोशनी का त्योहार दिवाली, जो अंधेरे पर उजाले और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, हर साल बड़े उत्साह से मनाया जाता है. इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली मनाई जाएगी.

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लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

    दिवाली 2025 पर लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. प्रदोष काल में स्थिर लग्न शाम 5:51 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा. दूसरा शुभ लग्न रात 7:18 बजे से 9:15 बजे तक होगा. इसके अलावा, सिंह लग्न दोपहर 1:48 बजे से अगली सुबह 4:00 बजे तक रहेगा. चरख चौघड़िया शाम 5:51 से 7:26 बजे तक और लाभ चौघड़िया रात 10:37 से 12:12 बजे तक शुभ रहेगी. अमृत चौघड़िया सुबह 1:48 से 4:58 बजे तक रहेगी, जो विशेष रूप से व्यापारियों के लिए उत्तम है.

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अन्य शुभ मुहूर्त

    ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:44 से 5:34 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 बजे तक विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 से 2:45 बजे तक

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इस समय भी कर सकते हैं पूजा

    प्रदोष काल: शाम 5:46 से 6:12 बजे तक अमृत काल: दोपहर 1:40 से 3:26 बजे तक निशिता मुहूर्त: रात 11:41 से 12:31 बजे तक (21 अक्टूबर)

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लक्ष्मी पूजा की विधि

    लक्ष्मी पूजा की तैयारी में घर की साफ-सफाई और सजावट महत्वपूर्ण है. पूजा स्थल को रंगोली, फूलों, दीपमाला और तोरण से सजाएं. लकड़ी के पाटे पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.

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ऐसे करें पूजा का अंत

    इसके बाद माता लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं. रोली, चावल, इत्र और फूल अर्पित करें. कम से कम 108 बार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें. अंत में, घी और कपूर के दीपक से आरती करें.

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लक्ष्मी पूजा का महत्व

    दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है. यह धन, समृद्धि और सुख की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन परिवार और कार्यस्थल पर एकसमान उत्साह से पूजा की जाती है. हिंदू व्यापारी इस अवसर पर नए बहीखाते, स्याही और कलम की पूजा करते हैं.

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देवी महाकाली

    देवी महाकाली का आह्वान कर दवात और कलम को शुद्ध किया जाता है, जबकि देवी सरस्वती का आह्वान कर नए बहीखातों को पवित्र किया जाता है. यह पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति भी प्रदान करती है.

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