Urdu Shayari: इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए,आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए
फ़रहत एहसास
शाइरी को मिरा इज़हार समझता है मगर,पर्दा-ए-शेर उठाना भी नहीं चाहता है
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तनवीर सामानी
क्यूँ न तनवीर फिर इज़हार की जुरअत कीजे,ख़ामुशी भी तो यहाँ बाइस-ए-रुस्वाई है
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नील अहमद
सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया,मैं ने तो बस कहा था कि धड़कन का शोर है
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कुमार विकास
हाए इज़हार कर के पछताए,उस को इक दोस्त की ज़रूरत थी
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फ़सीह अकमल
मुद्दआ इज़हार से खुलता नहीं है,ये ज़बान-ए-बे-ज़बानी और है
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अहमद फ़ज़ल ख़ान
अच्छी-ख़ासी दोस्ती थी यार हम दोनों के बीच,एक दिन फिर उस ने इज़हार-ए-मोहब्बत कर दिया
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हसरत मोहानी
क्या बला थी अदा-ए-पुर्सिश-ए-यार,मुझ से इज़हार-ए-मुद्दआ न हुआ
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फ़िगार उन्नावी
क्या मिला अर्ज़-ए-मुद्दआ से फ़िगार, बात कहने से और बात गई
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