चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है, पढ़ें 'आंसू' पर बेहतरीन शेर


2024/01/30 16:10:39 IST

आँसू

    वैसे तो इक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए...ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता

हादसों

    मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है...कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते

तमन्ना

    अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही हो...आँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए

मौक़ों

    रोज़ अच्छे नहीं लगते आँसू...ख़ास मौक़ों पे मज़ा देते हैं

हुकूमत

    एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है...तुम ने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना

बज़्म

    एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में...बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई

आरज़ू

    आरज़ू हसरत और उम्मीद शिकायत आँसू...इक तिरा ज़िक्र था और बीच में क्या क्या निकला

रुख़्सार

    उन के रुख़्सार पे ढलके हुए आँसू तौबा...मैं ने शबनम को भी शोलों पे मचलते देखा

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