स्मॉग में दौड़ना, फिटनेस या दिमाग का दुश्मन?


2025/11/05 11:42:14 IST

मास्क लगाकर सड़कों पर दौड़

    सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण के साथ जिम सूने पड़ जाते हैं, लोग मास्क लगाकर सड़कों पर दौड़ने लगते हैं.

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प्रदूषण का दिमाग पर असर

    लंबे समय तक PM2.5 कणों के संपर्क से डिप्रेशन, एंग्जाइटी, मेमोरी लॉस और ब्रेन स्ट्रक्चर में बदलाव जुड़े पाए गए.

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वैज्ञानिक व्याख्या

    PM2.5 ब्लड-ब्रेन बैरियर को कमजोर करता है, जो ब्रेन को टॉक्सिन्स से बचाता है.

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ब्रेन के सेंसिटिव सिस्टम

    ये कण लंग्स से निकलकर ब्लडस्ट्रीम में ब्रेन के सेंसिटिव सिस्टम को डैमेज करते हैं.

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ज्यादा टॉक्सिन्स

    बाहर व्यायाम से सांस तेज होती है, ज्यादा हवा अंदर जाती है. जिसका मतलब ज्यादा टॉक्सिन्स शरीर में जाता है.

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इंडोर वर्कआउट

    बाहर घूमने के बाद बार-बार हेडेक या चक्कर, नींद कम आएं या सोच धुंधली हो, एंग्जाइटी या चिड़चिड़ापन बढे तो वर्कआउट इंडोर शिफ्ट करें.

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सुरक्षा के उपाय

    वर्कआउट टाइम स्मार्ट चुनें सुबह मिड-मॉर्निंग में, जब पॉल्यूशन कम होता है. अर्ली मॉर्निंग या लेट ईवनिंग अवॉइड करें. साथ ही N95 मास्क यूज करें.

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डाइट में बदलाव

    डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे की अखरोट, बेरीज, हल्दी शामिल करें जो कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस काउंटर करता है.

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ब्रेन को भी डैमेज

    शांत लगने वाली हवा में छिपे कण लंग्स के साथ ब्रेन को भी डैमेज करते हैं. इसलिए सावधान रहें.

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