महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए सप्लीमेंट्स जरूरी
संतुलन बनाती महिलाएं
आधुनिक जीवन में महिलाएं करियर, परिवार और हार्मोनल बदलावों के बीच संतुलन बनाती हैं. इस दौड़ में मानसिक स्वास्थ्य अक्सर पीछे छूट जाता है.
Credit: Social Media
आसान और प्रभावी उपाय
तनाव, चिंता और मूड स्विंग से निपटने के लिए प्राकृतिक सप्लीमेंट्स एक आसान और प्रभावी उपाय हो सकते हैं.
Credit: Social Media
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम को आराम का खनिज कहा जाता है. यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है. तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को नियंत्रित करता है. बेहतर नींद में मदद करता है. कई महिलाओं में मैग्नीशियम की कमी होती है. इससे चिंता और पीएमएस के लक्षण बढ़ सकते हैं.
Credit: Social Media
विटामिन बी6, बी9 और बी12
विटामिन बी6, बी9 और बी12 मस्तिष्क के लिए जरूरी हैं. ये सेरोटोनिन और डोपामाइन बनाते हैं. ये न्यूरोट्रांसमीटर मूड को स्थिर रखते हैं. मूड स्विंग या थकान से जूझ रही महिलाओं के लिए बी-कॉम्प्लेक्स फायदेमंद है.
Credit: Social Media
ओमेगा-3
मछली और अलसी के तेल में ओमेगा-3 होता है. यह मस्तिष्क की सूजन कम करता है. चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करता है. नियमित सेवन से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है.
Credit: Social Media
एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटियां
अश्वगंधा, रोडियोला और तुलसी तनाव से लड़ने में मदद करती हैं. ये कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करती हैं. शरीर को तनाव से बेहतर निपटने की ताकत देती हैं.
Credit: Social Media
प्रोबायोटिक्स
आंत और दिमाग का गहरा रिश्ता है. प्रोबायोटिक्स आंत के माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखते हैं. यह मूड को स्थिर करता है. याददाश्त बढ़ाता है. तनाव को कम करता है. पाचन भी सुधरता है.
Credit: Social Media
विटामिन डी
घर में ज्यादा समय बिताने वाली महिलाओं में विटामिन डी की कमी आम है. इससे अवसाद का खतरा बढ़ता है. विटामिन डी3 का सेवन मूड को बेहतर करता है. सर्दियों और मानसून में यह खासतौर पर फायदेमंद है.
Credit: Social Media
डॉक्टर से सलाह
सप्लीमेंट्स प्राकृतिक राहत दे सकते हैं, लेकिन हर स्थिति के लिए उपयुक्त नहीं. इसे लेने से पहले गर्भवती महिलाएं या पुरानी बीमारी से पीड़ित लोग डॉक्टर से सलाह लें. संतुलित आहार, व्यायाम और थेरेपी का कोई विकल्प नहीं है.
Credit: Social Media
View More Web Stories