क्या है लैंड स्नॉर्कलिंग और भारत में कहां करें इसका अनुभव?
लैंड स्नॉर्कलिंग का जादू
क्या आपने कभी पानी के बिना स्नॉर्कलिंग की कल्पना की है? लैंड स्नॉर्कलिंग प्रकृति को धीमी गति से, आश्चर्य और उत्साह के साथ खोजने का एक अनूठा तरीका है.
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हाइकिंग से अलग
यह हाइकिंग से अलग है, जहां मंजिल या रफ्तार पर ध्यान होता है. यहां आप प्रकृति के छोटे-छोटे नजारे, जैसे लाइकेन के नाजुक पैटर्न या हवा की लय, को महसूस करते हैं.
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क्या है लैंड स्नॉर्कलिंग?
लैंड स्नॉर्कलिंग में बिना किसी तय मंजिल के प्रकृति में भटकना शामिल है. यह मिट्टी पर फैली काई, पत्तों की सरसराहट या छाया के खेल को निहारने का मौका देता है. इसकी खासियत है प्रकृति की शांत भाषा को समझना और उसमें डूब जाना.
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कहां से शुरू हुआ यह सफर?
लैंड स्नॉर्कलिंग शब्द मोंटाना के कलाकारों क्लाइड एस्पेविग और कैरोल गुज़मैन ने गढ़ा. अमेरिकन प्रेयरी के विशाल घास के मैदानों से प्रेरित होकर, कैरोल ने सेडोना, एरिज़ोना में इसे नाम दिया. उन्होंने प्रकृति की सूक्ष्म सुंदरता को देखकर कहा कि यह लैंड स्नॉर्कलिंग है!
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भारत में लैंड स्नॉर्कलिंग के लिए बेस्ट जगहें
भारत का विविध प्राकृतिक सौंदर्य लैंड स्नॉर्कलिंग के लिए शानदार है. यहां कुछ खास जगहें हैं. जिनमें से थार रेगिस्तान, कच्छ का रण गुजरात समेत कई अन्य जगहें शामिल हैं.
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कई सारे शानदार डेस्टिनेशन्स
इसके अलावा आप डेक्कन पठार महाराष्ट्र, नीलगिरि हिल्स तमिलनाडु, कर्नाटक-केरल में भी कई स्थल हैं.
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क्यों करें लैंड स्नॉर्कलिंग?
लैंड स्नॉर्कलिंग आपको प्रकृति से गहरा जुड़ाव देता है. यह तनाव कम करता है और छोटी-छोटी चीजों में सुंदरता ढूंढने की कला सिखाता है.
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आज ही शुरू करें!
लैंड स्नॉर्कलिंग के लिए कोई खास गियर नहीं चाहिए, बस एक खुला मन और प्रकृति के प्रति उत्सुकता. भारत के इन खूबसूरत स्थानों पर जाकर इस नए रोमांच को आजमाएँ और प्रकृति के साथ एक नया रिश्ता बनाएं.
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