क्या है कैंची धाम का मालपुआ प्रसाद? बाबा नीम करौली का था फेवरेट
                        
                        
                     
                
            
            
            
                                
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     भक्तों की आस्था का जीवंत केंद्र
                                
                                
                                    उत्तराखंड के खूबसूरत नैनीताल जिले में बसा कैंची धाम सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि भक्तों की आस्था का जीवंत केंद्र है. 
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     खास मालपुआ प्रसाद
                                
                                
                                    यहां बाबा नीम करौली महाराज की समाधि पर हर वर्ष दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं. लेकिन इस पवित्र जगह की असली पहचान है वह खास मालपुआ प्रसाद.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     15 जून के वार्षिक समारोह 
                                
                                
                                    कैंची धाम में मालपुआ को इतना सम्मान इसलिए प्राप्त है क्योंकि बाबा नीम करौली महाराज इसे बेहद पसंद करते थे. हर रोज और खासकर 15 जून के वार्षिक समारोह में हजारों मालपुए तैयार कर बाबा को चढ़ाए जाते हैं.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     श्रद्धा से भरी रसोई
                                
                                
                                    मंदिर के सेवादार और आसपास के गांव वाले मिलकर इस प्रसाद को बनाने में जुटते हैं. पूरी प्रक्रिया पुरानी रीति से होती है गेहूं का ताजा आटा, दूध, चीनी और देसी घी का इस्तेमाल होता है. 
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     सुनहरा रंग और चरणों में अर्पण
                                
                                
                                    मालपुए को सुनहरे भूरे होने तक तला जाता है, फिर घी में डुबोकर बाबा के सामने रखा जाता है. भक्तों का विश्वास है कि बाबा खुद इसे ग्रहण करते हैं, तभी इसे बांटा जाता है. 
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     इच्छाएं पूरी करने वाला आशीर्वाद
                                
                                
                                    लोग इसे घर लाकर परिवार और दोस्तों में बांटते हैं, क्योंकि यह न केवल स्वाद में लजीज है, बल्कि इच्छाएं पूरी करने वाला आशीर्वाद भी माना जाता है.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     बाबा की दया
                                
                                
                                    विशेष पर्वों पर मंदिर में मालपुए के ढेरों पैकेट बनते हैं. भीड़ ज्यादा होने पर अलग-अलग काउंटरों से वितरण होता है. मंदिर प्रबंधन कहता है कि यह मीठी डिश नहीं, बाबा की दया का रूप है.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     मन को शांत करने वाली
                                
                                
                                    बाबा नीम करौली ने जीवनभर सेवा, प्यार और सरलता को अपनाया. यही भावना इस प्रसाद में समाई है. भक्तों के लिए यह मिठाई मन को शांत करने वाली है.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                                    
                                                    
                                
                            
                        
                        
                            
                                
                                     सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा
                                
                                
                                    कैंची धाम का मालपुआ अब उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है. बाबा का नाम लेते ही जो सुकून मिलता है, वही इस प्रसाद के हर कौर में अपनापन, विश्वास और दिव्य स्पर्श महसूस होता है.
                                
                             
                        
                        
                        
                            
                                                        Credit: Pinterest
                                                    
                    
                
                            
                    
                        
                    
                    
                        
                            
                                View More Web Stories