दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अब आगे क्या?
गंभीर मुद्दा
संसद में जब कई सारी पार्टियां एक साथ अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दे, तो इसका मतलब यह है कि वह मुद्दा काफी गंभीर है.
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व्हिप जारी
वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने से पहले भी बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने भी अपने नेताओं के लिए व्हिप जारी किया था.
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288 मतों के साथ पास
जिसके बाद बुधवार को लोकसभा में लगभग 12 घंटे के बहस के बाद इस बिल को 288 मतों के साथ पास कर दिया गया.
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128 मतों के साथ पास
वहीं राज्यसभा में भी गुरुवार को इस बिल को 128 मतों के साथ पास कर दिया गया. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अब आगे क्या?
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कानून का रुप
दोनों सदनों से इस बिल के पास होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसे मंजूर करना होगा. जिसके बाद यह विधेयक कानून का रुप लेगा.
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राष्ट्रपति की मंजूरी
हमारा देश का नियम कहता है कि जब भी कोई ऐसा बिल पेश किया जाता है तो दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी जरूरी होती है.
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राष्ट्रपति की मुहर
अगर किसी भी बिल पर देश के राष्ट्रपति का मुहर नहीं लगता है तो उसे कानून का रूप नहीं दिया जा सकता है. हालांकि अब वक्फ संशोधन विधेयक कानून का रूप लेने के लिए तैयार है.
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कुछ नियमों में बदलाव
इस विधेयक की मदद से जनहित में वक्फ बोर्ड के कुछ नियमों में बदलाव किया जाएगा. जिसका प्रभाव सीधा जनता पर पड़ने वाला है.
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किरेन रिजीजू
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने सदन में इस बिल को पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य सभी मुस्लिम संप्रदायों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना है.
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