खराब मौसम और असुरक्षित मार्गों ने रोकी अमरनाथ यात्रा
यात्रा का अचानक अंत!
इस साल की अमरनाथ यात्रा को रविवार से स्थगित कर दिया गया है. यह यात्रा 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होने वाली थी, लेकिन खराब मौसम ने इसे समय से पहले रोक दिया.
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भारी बारिश ने बिगाड़े हालात
लगातार भारी बारिश के कारण यात्रा मार्गों की स्थिति खराब हो गई. बालटाल और पहलगाम, दोनों मार्ग असुरक्षित हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मार्गों की मरम्मत जरूरी है, जिसके लिए यात्रा को रोकना पड़ा.
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चार लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस साल करीब चार लाख तीर्थयात्री पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं. हालांकि, पिछले हफ्ते खराब मौसम के कारण तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई.
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सुरक्षा थी कड़ी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस बार सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया. 600 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की कंपनियाँ तैनात की गईं. तीर्थयात्रियों को कड़ी निगरानी वाले काफिलों में ले जाया गया.
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ऐतिहासिक महत्व
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 1850 में एक मुस्लिम चरवाहे बोटा मलिक द्वारा गुफा की खोज से हुई. यह यात्रा कश्मीर की समन्वयकारी संस्कृति का प्रतीक है. पहले मलिक परिवार ही यात्रा का आयोजन करता था.
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स्थानीय लोगों का कम जुड़ाव
कड़ी सुरक्षा के कारण अब तीर्थयात्री और स्थानीय लोग कम ही मिल पाते हैं. केवल टट्टू वाले और पालकी उठाने वाले ही श्रद्धालुओं के साथ संपर्क में रहते हैं.
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सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक
यात्रा मार्गों की मरम्मत के बाद अगले साल फिर से तीर्थयात्रा शुरू होगी. यह यात्रा न केवल आस्था, बल्कि कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है.
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