राष्ट्र के प्रेरणास्रोत अटल बिहारी वाजपेयी के 5 जोरदार संबोधन
अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती
25 दिसंबर 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती मनाई जा रही है. यह दिन सुशासन दिवस के रूप में भी जाना जाता है, जो उनकी विरासत को सम्मानित करता है.
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ग्वालियर में जन्मे कवि और कुशल राजनेता
1924 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल जी एक उत्कृष्ट कवि, वक्ता और भाजपा के प्रमुख नेता थे. उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री का पद संभाला.
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पीएम मोदी ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अटल जी को याद किया. उन्होंने लिखा कि अटल जी का जीवन आचरण, गरिमा और राष्ट्रप्रेम का आदर्श है. उत्कृष्टता पद से नहीं, बल्कि व्यवहार से आती है.
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लखनऊ में स्मारक का उद्घाटन
आज पीएम मोदी लखनऊ में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल जी की प्रतिमाओं वाला भव्य स्मारक उद्घाटित करेंगे.
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पोखरण-II, भारत की परमाणु शक्ति का प्रदर्शन
1998 में अटल जी के नेतृत्व में पोखरण परमाणु परीक्षणों ने भारत को वैश्विक शक्ति बनाया. यह उनकी दृढ़ नीति का प्रतीक था.
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इस्तीफे का ऐतिहासिक भाषण
1996 में 13 दिन की सरकार गिरने पर लोकसभा में दिया भाषण अमर है. उन्होंने कहा कि सरकारें आएंगी-जाएंगी, लेकिन देश और लोकतंत्र बचा रहना चाहिए.
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संयुक्त राष्ट्र में पहला हिंदी भाषण
1977 में विदेश मंत्री के रूप में अटल जी ने यूएन में हिंदी में भाषण देकर इतिहास रचा. उन्होंने शांति और गुटनिरपेक्षता पर जोर दिया.
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2002 स्वतंत्रता दिवस संदेश
लाल किले से अटल जी ने कहा, एक साथ आएं, देश के सपनों को पूरा करें. जीत हमारी होगी – जय हिंद!
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अमेरिकी कांग्रेस को संबोधन
2000 में अटल जी ने अमेरिकी कांग्रेस में भारत-अमेरिका को प्राकृतिक साझेदार बताया, लोकतंत्र और आतंकवाद विरोध पर सहयोग की वकालत की.
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