AAIB रिपोर्ट में अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर बड़ा खुलासा
अहमदाबाद में भयावह हादसा
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.
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प्रारंभिक जांच की शुरुआत
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे की 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में उड़ान के अंतिम क्षणों और इंजन के व्यवहार का विश्लेषण किया गया. जांच अभी शुरुआती चरण में है और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने में समय लगेगा.
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इंजन में क्या हुआ गलत?
रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ स्विच रन से कटऑफ स्थिति में चले गए. इससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई और विमान में जोर (थ्रस्ट) की कमी हो गई. पायलटों ने इंजनों को पुनर्जनन करने की कोशिश की, जिसमें इंजन 1 में कुछ सुधार दिखा, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह स्थिर नहीं हो सका.
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कॉकपिट में भ्रम की स्थिति
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चला कि हादसे से पहले पायलटों में भ्रम की स्थिति थी. एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि आपने ईंधन कटऑफ क्यों किया? जवाब में दूसरा पायलट बोला कि मैंने ऐसा नहीं किया. यह बात जांच में एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गई है, जो मानवीय भूल या तकनीकी खराबी की ओर इशारा करती है.
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उड़ान रिकॉर्डर को नुकसान
विमान के दो उड़ान रिकॉर्डर (EAFR) बरामद किए गए, लेकिन एक रिकॉर्डर को भारी नुकसान पहुंचा था. इसके डेटा को पारंपरिक तरीकों से निकालना संभव नहीं हो सका. दूसरा रिकॉर्डर 25 जून को डेटा निकालने में सफल रहा, जिसने जांच को आगे बढ़ाने में मदद की.
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कोई यांत्रिक खराबी नहीं
प्रारंभिक जांच में बोइंग 787-8 या इसके GE GEnx-1B इंजनों में कोई यांत्रिक या डिजाइन खराबी नहीं पाई गई. ईंधन के नमूनों की जांच में भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली. इसके बावजूद, जांचकर्ता पायलटों की कार्यवाही और तकनीकी पहलुओं की गहराई से पड़ताल कर रहे हैं.
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आगे की जांच का रास्ता
AAIB ने कहा कि जांच अभी जारी है. हादसे के कारणों को समझने के लिए और सबूत जुटाए जा रहे हैं. अगले चरण में हितधारकों से मिली जानकारी की समीक्षा की जाएगी. अंतिम रिपोर्ट एक साल के भीतर आने की उम्मीद है.
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सुरक्षा पर सवाल
हालांकि अभी तक बोइंग 787-8 या इसके इंजनों के लिए कोई सुरक्षा सिफारिश जारी नहीं की गई है, लेकिन इस हादसे ने विमानन सुरक्षा पर नए सवाल खड़े किए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कॉकपिट में वीडियो रिकॉर्डर की मौजूदगी इस तरह के हादसों की जांच को और आसान बना सकती थी.
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एक अभूतपूर्व हादसा
यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था, जिसने वैश्विक स्तर पर ध्यान खींचा. भारत में तीन दशकों में यह सबसे भयावह विमान दुर्घटना थी. जांच के निष्कर्ष भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
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