दिल्ली की जहरीली हवा के कारण कम हो रही आपकी जिंदगी!
दिल्ली में सांसों पर संकट
शिकागो विश्वविद्यालय की 2025 AQLI रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि PM 2.5 प्रदूषण के कारण लोगों की जिंदगी औसतन 8.2 साल कम हो रही है. क्या है इसका असर?
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पूरे देश पर असर
रिपोर्ट बताती है कि भारत में प्रदूषण की वजह से औसतन 3.5 साल की जीवन प्रत्याशा कम हो रही है. वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 1.9 साल है. यानी भारत की स्थिति दुनिया से कहीं ज्यादा गंभीर है.
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उत्तर भारत की चिंता
उत्तर भारत के बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हालात बदतर हैं. यहां प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र 5 से 5.4 साल तक कम हो रही है. क्या इन राज्यों में सुधार संभव है?
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मानकों से कोसों दूर
देश की 46% आबादी उन इलाकों में रहती है, जहां PM 2.5 का स्तर राष्ट्रीय मानक 40 µg/m3 से ज्यादा है. स्वच्छ हवा अब एक सपना बनता जा रहा है.
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दिल्ली में स्थानीय प्रदूषण
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के 50% प्रदूषण का स्रोत स्थानीय है. अगर इन पर नियंत्रण हो, तो राष्ट्रीय मानकों को पूरा करना मुमकिन है, जिससे लोगों की जिंदगी में 4.5 साल की बढ़ोतरी हो सकती है.
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2023 में बिगड़े हालात
2023 में भारत का औसत PM 2.5 स्तर 41 µg/m3 रहा, जो 2022 से ज्यादा है. वैश्विक स्तर पर भी PM 2.5 में 1.5% की वृद्धि दर्ज की गई. प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है!
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दिल्ली का बिगड़ता इतिहास
2022 में दिल्ली का PM 2.5 स्तर 84.3 µg/m3 था, जिससे 7.8 साल की कमी देखी गई थी. 2023 में यह और बढ़ गया, जिसने दिल्लीवासियों की सांसों पर और सवाल उठाए.
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क्या है समाधान?
स्थानीय प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण, बेहतर नीतियां और जागरूकता से स्थिति सुधर सकती है. हालांकि इसे पूरी तरह से कंट्रोल करना मुश्किल है.
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