शहीद दिवस पर जरूर पढ़ें शहीद भगत सिंह की ये किताबें
शहीद दिवस
23 मार्च को हर साल भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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क्रांतिकारी सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु
इसी दिन वीर भगत को उनके साथी क्रांतिकारी सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु की फांसी पर लटकाया गया था.
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जॉन सॉन्डर्स की हत्या
ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या के लिए उन्हें लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटकाया गया था.
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भगत सिंह की कुछ किताबें
आज हम आपको भगत सिंह की कुछ किताबों के बारे में बताएंगे जिसमें उन्होंने अपने बारे में बताया है.
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जेल डायरी
भगत सिंह ने इस किताब को तब लिखा था जब अंग्रेजो ने उन्हें जेल में बंद कर रखा था. इस किताब में उन्होंने जिक्र किया था कि ब्रिटिश हुकूमत से देश की आजादी कैसे छीनी जा सकती है.
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मैं नास्तिक क्यों हूं
भगत सिंह ने अपने इस किताब में ईश्वर की मौजूदगी को लेकर कई सवाल उठाए थे. उन्होंने इस किताब में इंसान के जन्म और मरण तक का विश्लेषण किया है.
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मै भगत बोल रहा हूं
इस किताब को भी वीर भगत सिंह ने जेल में रहने के दौरान ही लिखी थी. जिसके कुछ अंश को भगत सिंह के पौत्र यादविंद्र ने इस किताब के रूप में सहेजा.
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लेटर टू माय फादर
शहीद भगत सिंह ने अपने पिता सरदार किशन सिंह सन्धू को जेल में रहने के दौरान जितने भी पत्र लिखे हैं, वो सब इस किताब में मौजूद है.
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