पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में की ये खास बात
‘मन की बात’ का 123वें एपिसोड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर गहरी चिंता जताई.
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आपातकाल ने लोकतंत्र को कुचला
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपातकाल ने लोकतंत्र को कुचला और लोगों को प्रताड़ित किया.
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आपातकाल: लोकतंत्र का काला अध्याय
पीएम मोदी ने कहा कि यह देश के लिए सबसे कठिन दौर था, लोकतंत्र की हत्या हुई. न्यायपालिका को कठपुतली बनाने की कोशिश की गई. उन्होंने बताया कि ‘मीसा’ कानून के तहत लोगों को बिना कारण जेल में डाला गया.
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मोरारजी देसाई का संदेश
मोदी ने पूर्व पीएम मोरारजी देसाई के शब्दों को याद किया. देसाई ने कहा था कि आपातकाल में लोगों को बेवजह प्रताड़ित किया गया. प्रेस पर सेंसरशिप लगी, विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया. यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधेरा समय था.
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‘संविधान हत्या दिवस’ की याद
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले देश ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया. उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि उनकी वजह से लोकतंत्र की जीत हुई. आपातकाल हटाया गया.
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इंदिरा गांधी पर कोर्ट का फैसला
आपातकाल की जड़ें 12 जून 1975 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में थीं. कोर्ट ने इंदिरा गांधी को 1971 के चुनाव में कदाचार का दोषी ठहराया. उन्हें छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी. विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग की, जिसके बाद आपातकाल लागू हुआ.
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21 महीने की तानाशाही
21 महीनों तक नागरिक स्वतंत्रताएं छीन ली गईं. प्रेस पर सेंसरशिप लागू हुई. हजारों विपक्षी नेताओं को बिना मुकदमे जेल में डाला गया. जबरन नसबंदी और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ने जैसे कदम उठाए गए. यह दौर भारत के लिए गहरा आघात था.
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केंद्र का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने बुधवार को आपातकाल का विरोध करने वालों को सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित किया. पीएम ने कहा, “हमें उन बहादुर लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा की.” यह प्रस्ताव संविधान की रक्षा का संदेश देता है.
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लोकतंत्र की ताकत
मोदी ने कहा कि भारतीयों ने लोकतंत्र से समझौता नहीं किया. “लोगों की जीत हुई और आपातकाल हटा,” उन्होंने जोर देकर कहा. यह दौर हमें संविधान की रक्षा के लिए सतर्क रहने की प्रेरणा देता है.
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