भारत के विभाजन से पाकिस्तान की स्वतंत्रता तक की कहानी


2025/08/14 11:36:55 IST

इतिहास की अविस्मरणीय तारीख

    भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में 14 अगस्त, 1947 वह दिन है, जिसने करोड़ों लोगों की किस्मत बदल दी. इसी दिन भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान नाम का नया राष्ट्र अस्तित्व में आया.

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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

    भारत हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाता है, ताकि उस दौर में विस्थापित और जान गंवाने वाले लाखों लोगों के संघर्ष और बलिदान को याद किया जा सके.

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पाकिस्तान का गठन

    ब्रिटिश शासन से सत्ता हस्तांतरण के बाद पाकिस्तान एक मुस्लिम देश के रूप में अस्तित्व में आया. 14 अगस्त को कराची को नई राजधानी घोषित किया गया और बाद में इसे इस्लामाबाद स्थानांतरित कर दिया गया.

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ऐतिहासिक घटनाएं

    इस दिन भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने कराची में पाकिस्तान की संविधान सभा को संबोधित किया. मुहम्मद अली जिन्ना ने पहले गवर्नर-जनरल के रूप में शपथ ली.

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पलायन और हिंसा

    विभाजन से पहले ही बड़े पैमाने पर पलायन और सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई थी. यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा पलायन था, जिसमें लाखों हिंदू, सिख और मुसलमान नए बने देशों में सुरक्षा खोजने निकले.

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खौफनाक सफर

    रेलगाड़ियों, बैलगाड़ियों और पैदल यात्रा करने वालों पर हमले आम थे. हजारों परिवार अपने घर-बार छोड़कर अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहे थे.

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रियासतों की स्थिति

    14 अगस्त तक अधिकांश रियासतें भारत या पाकिस्तान में शामिल हो चुकी थीं, लेकिन जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ जैसी रियासतों का भविष्य अभी तय नहीं था.

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दो दिन, दो स्वतंत्रताएं

    जहां पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाया, वहीं भारत ने अगले दिन 15 अगस्त को अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया.

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स्थायी असर

    14 अगस्त 1947 की घटनाओं ने दक्षिण एशिया के भूगोल, राजनीति और समाज को हमेशा के लिए बदल दिया.

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