मानवीय संवेदनाओं का अनमोल खजाना है प्रेमचंद की ये कहानियां


2025/10/08 14:11:39 IST

कफन

    प्रेमचंद की कहानी कफन गरीबी की उस त्रासदी को बयान करती है, जहाँ घीसू और माधव अपनी पत्नी और बहू बुधिया की मृत्यु के बाद भी कफन का इंतजाम नहीं कर पाते. यह कहानी समाज की कठोर सच्चाइयों को उजागर करती है, जहाँ इंसानियत भी भूख और लाचारी के आगे हार मान लेती है.

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ईदगाह

    ईदगाह में अनाथ हामिद की कहानी दिल को गहराई तक छूती है. ईद के मेले में, जहाँ बच्चे खिलौनों और मिठाइयों में खोए हैं, हामिद अपनी दादी के लिए एक छोटा-सा चिमटा खरीदता है. यह कहानी त्याग, प्रेम और मासूमियत की अनमोल मिसाल है.

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गोदान

    गोदान प्रेमचंद का एक कालजयी उपन्यास है, जो किसान होरी के जीवन के संघर्ष को दर्शाता है. गाय पालने का उसका सपना ग्रामीण समाज में सम्मान और गरिमा का प्रतीक है. यह कहानी मेहनत, गरीबी और सामाजिक असमानता की गहरी तस्वीर पेश करती है.

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दो बैलों की कथा

    दो बैलों की कथा में हीरा और मोती, दो वफादार बैल, अपने मालिक के प्रति निष्ठा और एक-दूसरे के प्रति भाईचारे को दर्शाते हैं. यह कहानी दुर्व्यवहार के खिलाफ उनकी छोटी-सी बगावत को उजागर करती है, जो मानवीय भावनाओं से भरी है.

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सती

    सती में प्रेमचंद पारंपरिक समाज में महिलाओं पर थोपी गई जिम्मेदारियों और अपेक्षाओं को दर्शाते हैं. यह कहानी एक ऐसी महिला की है, जो विधवापन और धार्मिक अनुष्ठानों के बोझ तले दबकर भी अपने त्याग और सद्गुण को बनाए रखने की कोशिश करती है.

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बूढ़ी काकी

    बूढ़ी काकी एक अंधी, बुजुर्ग महिला की कहानी है, जो अपने परिवार की उदासीनता का शिकार होती है. उसका भतीजा, संपत्ति का वारिस बनने के बाद भी उसकी देखभाल में लापरवाही बरतता है. यह कहानी पारिवारिक रिश्तों में विश्वास और उपेक्षा के बीच की खाई को दिखाती है.

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बड़े घर की बेटी

    बड़े घर की बेटी एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो अपने परिवार की प्रतिष्ठा और अपेक्षाओं के बीच फँसकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती है. यह कहानी सामाजिक दबावों और व्यक्तिगत इच्छाओं के टकराव को उजागर करती है.

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नमक का दरोगा

    नमक का दरोगा में वंशीधर, एक नमक निरीक्षक, रिश्वत के लालच के बावजूद अपने पिता की नैतिकता की सीख पर अडिग रहता है. यह कहानी औपनिवेशिक भारत में ईमानदारी और नैतिकता की ताकत को दर्शाती है.

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पूस की रात

    पूस की रात में गरीब किसान हल्कू की कहानी है, जो कर्ज के बोझ तले दबा है. गर्म कंबल के लिए उसकी सारी बचत मकान मालिक के हाथों चली जाती है. यह कहानी गरीबी और बेबसी की ठंडी रातों को जीवंत करती है.

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