कौन थे भूपेन हजारिका? जिन्हें याद कर भावुक हुए PM मोदी
एक प्रेरणादायी शुरुआत
असम में सोमवार से भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का भव्य उत्सव शुरू होने जा रहा है. ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक, हर कोने में उनके सम्मान में सांस्कृतिक और सामुदायिक आयोजन होंगे.
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'प्रिय भूपेन दा' की अमर धुनें
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भूपेन दा को याद करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं. उनके गीतों में प्रेम, भाईचारा और सामाजिक न्याय की भावना आज भी गूंजती है.
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असम के सांस्कृतिक राजदूत
डॉ. भूपेन हजारिका केवल गायक और गीतकार ही नहीं, बल्कि कवि, फिल्म निर्माता और असम की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक थे. उनकी रचनाएं असमिया लोक परंपराओं को विश्व पटल पर ले गईं.
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साल भर के आयोजन
शताब्दी समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, शैक्षणिक संगोष्ठियां और सामुदायिक आयोजन शामिल होंगे. गुवाहाटी के जालुकबारी में उनके स्मारक पर विशेष समारोह होगा.
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पीएम मोदी का असम दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 सितंबर को असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी के उद्घाटन के साथ भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि देंगे. उनकी जनसभा में ब्रह्मपुत्र के कवि की विरासत को सम्मान मिलेगा.
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पीएम मोदी ने लिखा लेख
हालांकि आज पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए एक लेख भी लिखा, जिसमें उन्होंने भूपेन हजारिका को भूपेन दा कहकर याद किया और उनसे जुड़ी कुछ बातें भी बताई.
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एक अमर विरासत
भूपेन हजारिका के गीत और विचार आज भी लाखों दिलों को छूते हैं. यह शताब्दी समारोह उनकी कालजयी रचनाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर है.
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