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अमेरिका में 12 देशों पर लगा बैन, राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण इन देश के लोगों को नहीं मिलेगी एंट्री

ट्रंप सरकार द्वारा 12 देशों पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके अलावा कुछ देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसके पीछे ट्रंप सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का कारण बताया है.

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Courtesy: Social Media

Trump Travel Ban: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों पर व्यापक यात्रा प्रतिबंध लगाने वाली नई उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं. यह प्रतिबंध सोमवार 9 जून को सुबह 12:01 बजे से प्रभावी होंगे. नए आदेश के तहत, अफगानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश से रोका जाएगा. 

ट्रंप सरकार के आदेश के मुताबिक इन देशों के अलावा बुरुंडी, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन और वेनेजुएला के लोगों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. ट्रंप ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए है.

अमेरिका के लिए हो सकता है खतरा

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई यह उद्घोषणा 20 जनवरी के कार्यकारी आदेश पर आधारित है. इसमें ट्रंप ने राज्य और होमलैंड सुरक्षा विभागों को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के साथ मिलकर उन देशों की पहचान करने को कहा था, जो अमेरिका के लिए खतरा हो सकते हैं. इस आकलन के बाद इन 12 देशों की सूची तैयार की गई. यह नीति 2017 के ट्रंप के कार्यकारी आदेश से मिलती-जुलती है, जिसे मुस्लिम प्रतिबंध कहा गया. उस आदेश ने इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया था. इससे हवाई अड्डों पर अराजकता फैली थी. छात्रों, शिक्षाविदों, व्यवसायियों और पर्यटकों को हिरासत में लिया गया या वापस भेजा गया. 

अमेरिका में प्रवेश करना मुश्किल

कानूनी चुनौतियों के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसके संशोधित संस्करण को मंजूरी दी थी. उस संस्करण में ईरान, सोमालिया, यमन, सीरिया, लीबिया, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के कुछ अधिकारियों को लक्षित किया गया था. ट्रंप का दावा है कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह नीति मुस्लिम-बहुल देशों को भेदभावपूर्ण तरीके से निशाना बनाती है. 2016 के चुनाव अभियान में ट्रंप ने मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाने की बात कही थी. आलोचकों का मानना है कि यह नीति उसी सोच को दर्शाती है. नए प्रतिबंधों से प्रभावित देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश करने में मुश्किल होगी. इससे छात्रों, पर्यटकों और व्यवसायियों को परेशानी हो सकती है. 

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