All-party delegation in UK: यूनाइटेड किंगडम में भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति को दोहराया. भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में यह दल लंदन पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की आलोचना की और भारतीय प्रवासियों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.
भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने लंदन के इंडिया हाउस में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया. उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान एक तरफ भीख मांगता है, दूसरी तरफ आतंकवाद फैलाता है.
गुलाम अली खटाना ने कहा कि भारत आतंकवाद को कुचलना जानता है. उन्हें किसी बाहरी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है. उन्होंने प्रवासियों को भारत के राजदूत बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें कूटनीतिक और सोशल मीडिया की लड़ाई लड़नी है. खटाना ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आए बदलावों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है, लोग मतदान कर रहे हैं. पर्यटन और बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है. महिलाओं को संपत्ति के अधिकार मिले हैं. लेकिन पाकिस्तान को यह प्रगति पसंद नहीं है. खटाना ने कहा कि पाकिस्तान ने हमें घुसपैठ, ड्रग्स और आतंकवाद दिया. उन्होंने कश्मीरी पंडितों के दर्द का भी जिक्र किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने आतंकवाद को फासीवादी आतंक और जातीय सफाया बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का जन्म हिंसा से हुआ. यह कोई लोकप्रिय आंदोलन नहीं था. अकबर ने 1946 के कलकत्ता हत्याकांड और 1971 के ढाका हत्याकांड का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की हिंसा उसकी विचारधारा का हिस्सा है. अकबर ने यूरोप में रहने वाले भारतीयों से फासीवाद के खिलाफ आवाज उठाने को कहा. उन्होंने कहा कि यूरोप हिटलर के युग को नहीं भूल सकता. हमें यह समझाना होगा. खटाना और अकबर ने भारतीय प्रवासियों से सक्रिय भूमिका निभाने को कहा.
खटाना ने कहा कि आपके दिल में भारत के लिए प्यार है. इसलिए आप यहां हैं. उन्होंने प्रवासियों से सोशल मीडिया और कूटनीति के जरिए भारत का पक्ष रखने की अपील की. अकबर ने कहा कि हमें उन लोगों के लिए लड़ना होगा जिन्होंने अपनी जान दी. प्रतिनिधिमंडल ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को स्पष्ट किया. भारत किसी भी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा. खटाना ने कहा कि भारतीय सेना सीमा पर लड़ेगी. लेकिन प्रवासियों को भी वैश्विक मंचों पर भारत का समर्थन करना होगा.