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पोलैंड के नए राष्ट्रपति बनें करोल नवरोकी, कंजर्वेटिव पार्टी की सत्ता में वापसी

नवरोकी करोल को मेयर रफाल ट्रजाकोव्स्की के हार के बाद पोलैंड का नया राष्ट्रपति चूना गया है . वे 6 अगस्त को आंद्रेज डूडा की जगह लेंगे,  डूडा का दूसरा कार्यकाल खत्म हो रहा है.

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Courtesy: Social Media

Karol Nawrocki: पोलैंड में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुआ. जिसमें कंज़र्वेटिव करोल नवरोकी ने उदारवादी वारसॉ मेयर रफाल ट्रजाकोव्स्की को मात दी है. नवरोकी ने 50.89% वोट हासिल किए. यह जीत अप्रत्याशित थी. शुरुआती एग्ज़िट पोल में ट्रज़ाकोव्स्की को बढ़त दिख रही थी.

पहले राउंड में ट्रजाकोव्स्की ने 31.36% और नवरोकी ने 29.54% वोट हासिल किए. दूसरे राउंड में मुकाबला बेहद करीबी था. शुरुआती एग्ज़िट पोल में ट्रजाकोव्स्की को 50.3% और नवरोकी को 49.7% वोट मिले. लेकिन अंतिम गणना में नवरोकी ने 50.89% के साथ जीत हासिल की. ट्रजाकोव्स्की को 49.11% वोट मिले. पोलैंड के 71.6% लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया.

नवरोकी की जीत का असर

नवरोकी करोल को मेयर रफाल ट्रजाकोव्स्की के हार के बाद पोलैंड का नया राष्ट्रपति चूना गया है . वे 6 अगस्त को आंद्रेज डूडा की जगह लेंगे,  डूडा का दूसरा कार्यकाल खत्म हो रहा है. नवरोकी की जीत से प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क की आगे की योजनाएं प्रभावित हो सकती है. राष्ट्रपति के पास वीटो करने का पॉवर है. जिससे टस्क की योजनाएं रूक सकती है. 42 साल के करोल नवरोकी इतिहासकार और पूर्व मुक्केबाज हैं. उन्हें लॉ एंड जस्टिस (PiS) पार्टी ने चुना. यह पार्टी 2015 से 2023 तक सत्ता में थी. नवरोकी राष्ट्रीय स्मरण संस्थान के प्रमुख रहे हैं. उन्होंने सोवियत रेड आर्मी के स्मारकों को हटाने में भूमिका निभाई. इसके लिए रूस ने उन्हें वांछित सूची में डाला. नवरोकी पारंपरिक और देशभक्ति मूल्यों के समर्थक हैं.

समर्थकों का उत्साह

नवरोकी के समर्थक उन्हें पारंपरिक मूल्यों का प्रतीक मानते हैं. वे एलजीबीटीक्यू अधिकारों और धर्मनिरपेक्ष रुझानों के खिलाफ हैं. समर्थकों का कहना है कि नवरोकी पोलैंड में सामान्यता लाएंगे. उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से की जाती है. ट्रम्प ने भी नवरोकी का समर्थन किया था. रफाल ट्रज़ाकोव्स्की उदारवादी नेता हैं. वे वारसॉ के मेयर हैं. उन्होंने यूरोपीय एकीकरण और सुधारों का वादा किया था. ट्रजाकोव्स्की ने 2020 में भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए. इस बार भी वे जीत के करीब थे. उनकी हार से टस्क की सरकार को मुश्किल होगी. नवरोकी की जीत से पोलैंड राष्ट्रवादी दिशा में बढ़ सकता है. वे यूरोपीय संघ की जलवायु नीतियों और यूक्रेन के नाटो में शामिल होने का विरोध करते हैं. ट्रजाकोव्स्की यूरोपीय एकीकरण और उदार सुधारों के पक्षधर थे. यह चुनाव पोलैंड के गहरे राजनीतिक विभाजन को दर्शाता है.

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