Pakistan: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को वाशिंगटन में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने उनसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. यह सवाल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के संदर्भ में उठाया गया. इस घटना ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को असहज कर दिया.
वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल का 2002 में पाकिस्तान में अपहरण हुआ था. जैश-ए-मोहम्मद ने उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. इस मामले में आतंकवादी उमर सईद शेख को दोषी ठहराया गया. शेरमैन ने इस हत्याकांड को याद करते हुए पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा. उन्होंने बताया कि पर्ल के रिश्तेदार आज भी उनके निर्वाचन क्षेत्र में रहते हैं.
ब्रैड शेरमैन ने बैठक के बाद एक्स पर पोस्ट किया कि मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से आतंकवाद, खासकर जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने पाकिस्तान से इस आतंकी संगठन को जड़ से खत्म करने की मांग की. शेरमैन ने कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है. यह घटना पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और चुनौती बन गई है. जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. शेरमैन के सवालों ने बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को मुश्किल में डाल दिया. पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं.
डेनियल पर्ल की हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था. यह घटना आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का प्रतीक बन गई. शेरमैन ने इस मुद्दे को उठाकर पाकिस्तान पर जवाबदेही का दबाव बढ़ाया है. उन्होंने साफ किया कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई जरूरी है. बिलावल भुट्टो और उनके प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. बैठक में शेरमैन के सवालों का जवाब देना उनके लिए मुश्किल रहा. यह घटना पाकिस्तान की कूटनीतिक छवि पर सवाल उठा रही है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के रुख पर नजर रखे हुए है. यह घटना पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों की उम्मीद कर रहा है. जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कार्रवाई न होने से पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है. बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तान को इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना होगा.
Pakistan: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को वाशिंगटन में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने उनसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. यह सवाल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के संदर्भ में उठाया गया. इस घटना ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को असहज कर दिया.
वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल का 2002 में पाकिस्तान में अपहरण हुआ था. जैश-ए-मोहम्मद ने उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. इस मामले में आतंकवादी उमर सईद शेख को दोषी ठहराया गया. शेरमैन ने इस हत्याकांड को याद करते हुए पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा. उन्होंने बताया कि पर्ल के रिश्तेदार आज भी उनके निर्वाचन क्षेत्र में रहते हैं.
ब्रैड शेरमैन ने बैठक के बाद एक्स पर पोस्ट किया कि मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से आतंकवाद, खासकर जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने पाकिस्तान से इस आतंकी संगठन को जड़ से खत्म करने की मांग की. शेरमैन ने कहा कि क्षेत्र में शांति के लिए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है. यह घटना पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक और चुनौती बन गई है. जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. शेरमैन के सवालों ने बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को मुश्किल में डाल दिया. पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं.
डेनियल पर्ल की हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था. यह घटना आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का प्रतीक बन गई. शेरमैन ने इस मुद्दे को उठाकर पाकिस्तान पर जवाबदेही का दबाव बढ़ाया है. उन्होंने साफ किया कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई जरूरी है. बिलावल भुट्टो और उनके प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. बैठक में शेरमैन के सवालों का जवाब देना उनके लिए मुश्किल रहा. यह घटना पाकिस्तान की कूटनीतिक छवि पर सवाल उठा रही है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के रुख पर नजर रखे हुए है. यह घटना पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों की उम्मीद कर रहा है. जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर कार्रवाई न होने से पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है. बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में पाकिस्तान को इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना होगा.