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पाकिस्तान की कश्मीर रणनीति को झटका, पाकिस्तान के पूर्व मत्री बिलावल भुट्टो ने मानी हार!

भारतीय हमलों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया. भारतीय आकलन के मुताबिक, छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमान, दो रणनीतिक विमान, एक सी-130 ट्रांसपोर्टर, 10 से अधिक ड्रोन और कई मिसाइलें नष्ट हुईं. जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने बड़ा बयान दिया है.

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Courtesy: Social Media

Bilawal Bhutto: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अपने देश की नाकामी को माना है. उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम हो रही हैं. 

बिलावल ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर हमें कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. वे अमेरिका में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जो भारत के ऑपरेशन सिंदूर और क्षेत्रीय तनाव पर पाकिस्तान का पक्ष रखने आया है.

पाकिस्तान का बड़ा नुकसान 

भारतीय हमलों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया. रिपोर्ट के मुताबिक 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के साथ दो रणनीतिक विमान और एक सी-130 ट्रांसपोर्टर छतिग्रस्त हुआ है. इसके अलावा 10 से अधिक ड्रोन और कई मिसाइलें भी नष्ट हो गई. इस नुकसान ने पाकिस्तान को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है. बिलावल का नरम रुख इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान दबाव में है. बिलावल ने अपनी पुरानी कट्टरपंथी बयानबाजी से हटकर भारत के साथ सहयोग की बात की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने के लिए भारत के साथ काम करना चाहता है. हम अरबों लोगों का भविष्य आतंकवादियों के हाथों में नहीं रहने दे सकते हैं. उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच युद्ध के खतरों को भी रेखांकित किया. बिलावल ने कहा कि दो परमाणु शक्तियों के बीच विवाद का कोई समाधान तंत्र नहीं हो सकता.

रॉ-आईएसआई सहयोग का सुझाव

बिलावल ने एक चौंकाने वाला सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर रॉ और आईएसआई मिलकर काम करें, तो भारत और पाकिस्तान में आतंकवाद को काफी हद तक कम किया जा सकता है. यह सुझाव क्षेत्रीय सहयोग की दिशा में एक नया कदम हो सकता है.

दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में अपनी कूटनीतिक यात्रा जारी रखे हुए है. बिलावल की टिप्पणियों से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान दबाव में है और अपनी कूटनीतिक जमीन दोबारा हासिल करने की कोशिश कर रहा है. 

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