इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच तेहरान युद्धविराम के लिए तैयार! अमेरिका को पूरी करनी पड़ेगी ये शर्त

इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हालांकि इसी बीच तेहरान इस संघर्ष को खत्म करने के लिए तैयार हुआ है. लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रखी है. यह शर्त अमेरिका को लेकर है. अगर इजरायल यह शर्त पूरा करता है तो दोनों देशों के बीच जल्द ही शांती बन सकती है.

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Courtesy: Social Media

Israel Iran Conflict: इजरायल के साथ लगातार पांचवे दिन विवाद के बीच ईरान ने इस संघर्ष को खत्म करने की इच्छा जाहिर की है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार ईरान ने हिंसा खत्म करने और अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में बातचीत करने के लिए मेज पर लौटने की बात कही है. 

ईरान ने कथित रुप से इस जंग को खत्म करने के लिए इजरायल और अमेरिका दोनों देशों को संदेश देते हुए, स्थिति को नियंत्रित करने की अपील की है. जिसमें कहा गया कि इस संघर्ष को खत्म करना ही दोनों देशों के हित में हैं. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईरान ने यह भी कहा कि वे तब तक बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जब तक अमेरिका इस संघर्ष में इजरायल का समर्थन करते हुए शामिल नहीं हो जाता है. 

तेहरान खाली का आह्वान

दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी ईरान को चेतावनी दी थी. उन्होंने ऐलान किया था कि इजरायल में किसी भी अमेरिकी संपत्ति का नुकसान अमेरिका के खिलाफ माना जाएगा. हालांकि दोनों देशों के बीच लगातार हो रही बमबारी में दोनों देशों को नुकसान हुआ है. इसी बीच ट्रंप ने तेहरान में रह रहे नागरिकों को इसे खाली करने का आह्वान किया है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि ईरान अपनी परमाणु महत्वकांक्षाओं की वजह से प्रस्तावित सौदे को अस्वीकार कर दिया है. 

क्या है आगे की तैयारी?

व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उभरते संकट को देखते हुए कनाडा में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन को एक दिन पहले छोड़ देंगे. मिल रही जानकारी के मुताबिक वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को बुलाएंगे. इस निर्णय का समर्थन करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कहा कि यह कदम सही समय पर उठाया गया है. इससे युद्ध विराम में मदद मिल सकती है. हालांकि ट्रंप के तेहरान खाली करने के संदेश के कुछ ही देर बाद वहां विस्फोट की आवाज सुनी गई. वहीं इजरायल में आंधी रात में ही सायरन बजने लगे. हालांकि इजरायल के आयरन डोम लगातार सुरक्षा कार्य में जुटे हैं. इजरायल ने इस संघर्ष को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए एक पूर्वव्यापी कदम बताया. हालांकि ईरान ने इस तरह के हथियार बनाने के किसी भी इरादे को पूरी तरह से खारिज किया है.

Israel Iran Conflict: इजरायल के साथ लगातार पांचवे दिन विवाद के बीच ईरान ने इस संघर्ष को खत्म करने की इच्छा जाहिर की है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार ईरान ने हिंसा खत्म करने और अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में बातचीत करने के लिए मेज पर लौटने की बात कही है. 

ईरान ने कथित रुप से इस जंग को खत्म करने के लिए इजरायल और अमेरिका दोनों देशों को संदेश देते हुए, स्थिति को नियंत्रित करने की अपील की है. जिसमें कहा गया कि इस संघर्ष को खत्म करना ही दोनों देशों के हित में हैं. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईरान ने यह भी कहा कि वे तब तक बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जब तक अमेरिका इस संघर्ष में इजरायल का समर्थन करते हुए शामिल नहीं हो जाता है. 

तेहरान खाली का आह्वान

दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी ईरान को चेतावनी दी थी. उन्होंने ऐलान किया था कि इजरायल में किसी भी अमेरिकी संपत्ति का नुकसान अमेरिका के खिलाफ माना जाएगा. हालांकि दोनों देशों के बीच लगातार हो रही बमबारी में दोनों देशों को नुकसान हुआ है. इसी बीच ट्रंप ने तेहरान में रह रहे नागरिकों को इसे खाली करने का आह्वान किया है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि ईरान अपनी परमाणु महत्वकांक्षाओं की वजह से प्रस्तावित सौदे को अस्वीकार कर दिया है. 

क्या है आगे की तैयारी?

व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उभरते संकट को देखते हुए कनाडा में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन को एक दिन पहले छोड़ देंगे. मिल रही जानकारी के मुताबिक वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को बुलाएंगे. इस निर्णय का समर्थन करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कहा कि यह कदम सही समय पर उठाया गया है. इससे युद्ध विराम में मदद मिल सकती है. हालांकि ट्रंप के तेहरान खाली करने के संदेश के कुछ ही देर बाद वहां विस्फोट की आवाज सुनी गई. वहीं इजरायल में आंधी रात में ही सायरन बजने लगे. हालांकि इजरायल के आयरन डोम लगातार सुरक्षा कार्य में जुटे हैं. इजरायल ने इस संघर्ष को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए एक पूर्वव्यापी कदम बताया. हालांकि ईरान ने इस तरह के हथियार बनाने के किसी भी इरादे को पूरी तरह से खारिज किया है.

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