UPI New Payment Rule: मोदी सरकार के आज पूरे 11 साल हो गए हैं. इसी के साथ डिजिटल भारत का कांसेप्ट काफी दूर पहुंच चुका है. भारत के गांव-गांव तक, बड़े बिजनेसमैन से लेकर एक चाय वाले तक के पास भी डिजिटल पेमेंट सुविधा मौजूद है. जिसके इस्तेमाल से मार्केट में कैश फलो कम हुआ है और भारत के रुपयों का लेखा-जोखा और भी ज्यादा ट्रांसपेरेंट हो चुका है.
पेमेंट करने के लिए भारत में फोन पे, गूगल पे और पेटीएण जैसे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सभी ऐपों से किए जाने वाले पेमेंट को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI पेमेंट कहते हैं. हालांकि उपभोक्ताओं की सुविधा को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए 30 जून से कुछ बदलाव किए जा रहे हैं. इन बदलाव के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए, जिससे की आप होने वाले नुकसान से बच सके.
NPCI का नया नियम 30 जून 2025 से लागू किया जाएगा. नए नियम के लागू होने के बाद यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करने वाले यूजर्स के नाम प्राप्तकर्ताओं को नजर आएगा. इससे पहले यह नियम नहीं था. यूजर्स के नाम के जगह पर निकनेम नजर आते थे. जिससे की पेमेंट करने वालों को समस्या भी होती थी और जालसाजी का खतरा भी बना रहता था. नियम में बदलाव से यूजर्स को कई लाभ मिलने वाले हैं. सबसे पहला लाभ यह होगा कि कोई भी किसी तरह की धोखाधड़ी में नहीं फंसेगा. इसके अलावा यूजर्स या सुनिश्चित कर पाएंगे कि वो जो पेमेंट कर रहे हैं वो सही खाते पर जा रहा है या नहीं. इससे यूजर्स का यूपीआई सिस्टम पर भरोसा और भी ज्यादा बढ़ेगा. इसके अलावा नए नियम में पर्सन-टू-पर्सन के बीच का ट्रांजेक्शन पर कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि पर्सन-टू-मर्चेंट वाले ट्रांजेक्शन में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे.
यूपीआई में होने वाले इस बदलाव से उपभोक्ताओं का काम और भी ज्यादा आसान होगा. पेमेंट करने से पहले यह सुनिश्चित करना आसान होगा कि कोई गलत खाते पर पैसा तो नहीं गया. इसके बाद भी अगर चला जाता है तो इसके खिलाफ कंप्लेंट रजिस्टर करने में आसानी होगी. यूपीआई करा यह नया नियम अब इसलिए भी जरूरी हो गया है कि क्योंकि यूपीआई इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इसी के साथ धोखाधड़ी का मामला भी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इससे बचने के लिए यह नया नियम बेहतर है.
UPI New Payment Rule: मोदी सरकार के आज पूरे 11 साल हो गए हैं. इसी के साथ डिजिटल भारत का कांसेप्ट काफी दूर पहुंच चुका है. भारत के गांव-गांव तक, बड़े बिजनेसमैन से लेकर एक चाय वाले तक के पास भी डिजिटल पेमेंट सुविधा मौजूद है. जिसके इस्तेमाल से मार्केट में कैश फलो कम हुआ है और भारत के रुपयों का लेखा-जोखा और भी ज्यादा ट्रांसपेरेंट हो चुका है.
पेमेंट करने के लिए भारत में फोन पे, गूगल पे और पेटीएण जैसे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सभी ऐपों से किए जाने वाले पेमेंट को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI पेमेंट कहते हैं. हालांकि उपभोक्ताओं की सुविधा को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए 30 जून से कुछ बदलाव किए जा रहे हैं. इन बदलाव के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए, जिससे की आप होने वाले नुकसान से बच सके.
NPCI का नया नियम 30 जून 2025 से लागू किया जाएगा. नए नियम के लागू होने के बाद यूपीआई के माध्यम से पेमेंट करने वाले यूजर्स के नाम प्राप्तकर्ताओं को नजर आएगा. इससे पहले यह नियम नहीं था. यूजर्स के नाम के जगह पर निकनेम नजर आते थे. जिससे की पेमेंट करने वालों को समस्या भी होती थी और जालसाजी का खतरा भी बना रहता था. नियम में बदलाव से यूजर्स को कई लाभ मिलने वाले हैं. सबसे पहला लाभ यह होगा कि कोई भी किसी तरह की धोखाधड़ी में नहीं फंसेगा. इसके अलावा यूजर्स या सुनिश्चित कर पाएंगे कि वो जो पेमेंट कर रहे हैं वो सही खाते पर जा रहा है या नहीं. इससे यूजर्स का यूपीआई सिस्टम पर भरोसा और भी ज्यादा बढ़ेगा. इसके अलावा नए नियम में पर्सन-टू-पर्सन के बीच का ट्रांजेक्शन पर कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि पर्सन-टू-मर्चेंट वाले ट्रांजेक्शन में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे.
यूपीआई में होने वाले इस बदलाव से उपभोक्ताओं का काम और भी ज्यादा आसान होगा. पेमेंट करने से पहले यह सुनिश्चित करना आसान होगा कि कोई गलत खाते पर पैसा तो नहीं गया. इसके बाद भी अगर चला जाता है तो इसके खिलाफ कंप्लेंट रजिस्टर करने में आसानी होगी. यूपीआई करा यह नया नियम अब इसलिए भी जरूरी हो गया है कि क्योंकि यूपीआई इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इसी के साथ धोखाधड़ी का मामला भी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इससे बचने के लिए यह नया नियम बेहतर है.