Indian Fishermen: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 32 और केरल के 2 मछुआरों सहित 34 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है. ये मछुआरे धनुषकोडी के पास मछली पकड़ने गए थे. उन्होंने केंद्र सरकार से मछुआरों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने के लिए ठोस कूटनीतिक कदम उठाने का अनुरोध किया है.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने बताया कि ये मछुआरे तीन मशीनीकृत नावों में सवार होकर रामेश्वरम से मछली पकड़ने निकले थे. 25 जनवरी को श्रीलंकाई नौसेना ने धनुषकोडी के पास उन्हें गिरफ्तार कर उनकी नावों को जब्त कर लिया. स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में कहा कि लगातार हो रही ऐसी गिरफ्तारियों से तटीय समुदायों में अनिश्चितता और चिंता बढ़ रही है. यह समय है कि केंद्र ठोस कूटनीतिक कदम उठाए और मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करे.
श्रीलंकाई नौसेना ने कहा कि यह कार्रवाई उनके जलक्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए नियमित गश्त के दौरान की गई. गिरफ्तार किए गए मछुआरों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया है. पाक जलडमरूमध्य जो भारत और श्रीलंका को अलग करता है दोनों देशों के मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का समृद्ध क्षेत्र है. लेकिन यह लंबे समय से विवाद का कारण भी बना हुआ है. श्रीलंकाई नौसेना ने पिछले वर्षों में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी, गिरफ्तारी और नावें जब्त करने जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया है. 2024 में श्रीलंका ने अवैध मछली पकड़ने के आरोप में 529 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था.
इस साल 12 जनवरी 2025 को आठ भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया और दो मछली पकड़ने की नावें जब्त की गईं. हालांकि इस सप्ताह श्रीलंका ने पहले गिरफ्तार किए गए 41 भारतीय मछुआरों को रिहा भी किया था. मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र से अपील की है कि राजनयिक माध्यमों का उपयोग कर मछुआरों और उनकी नावों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि मछुआरों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करना अब अनिवार्य हो गया है.