Cancer In Men: पुरुषों में बढ़ रहा कैंसर का खतरा, ये पांच कैंसर हो रहे जानलेवा, जानें इनके लक्षण और कारण

Cancer In Men: कैंसर (cancer)एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग से शुरू हो सकती है। जिसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगता है और फिर अनियंत्रित हो जानलेवा बन जाता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार प्रति वर्ष पूरी दुनिया में करीब 96 लाख लोग अपनी जान गंवा देते […]

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Cancer In Men: कैंसर (cancer)एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग से शुरू हो सकती है। जिसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगता है और फिर अनियंत्रित हो जानलेवा बन जाता है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार प्रति वर्ष पूरी दुनिया में करीब 96 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार भारत में साल 2022 के दौरान कैंसर के 14,61,427 मामले सामने आए। इन मरीजों में ज्‍यादातर संख्‍या पुरुषों (cancer in men)की थी। कैंसर का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान और लाइफस्टाइल, ड्रिंकिंग, स्मोकिंग, प्रदूषण, पेस्टिसाइड्स और केमिकल युक्‍त भोजन का सेवन करना है।

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) के अनुसार भारत में हर कैंसर से पीड़ित करीब हर दूसरे व्यक्ति को मृत्‍यु का खतरा रहता है। भारत में वर्ष 2022 में कैंसर के कारण अनुमानित मृत्यु दर 8.8 लाख थी। एनसीडीआईआर की माने तो पुरुषों में पांच तरह के कैंसर होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। आइए जानते हैं पुरुषों को किस तरह के कैंसर होते हैं और उनके लक्षण क्‍या हैं।

फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों के कैंसर का बड़ा पहला कारण धूम्रपान करना है। हालांकि जो लोग धूम्रपान नहीं भी करते हैं, उनमें भी यह कैंसर प्रदूषण के कारण हो सकता है। फेफड़ों का कैंसर होने पर सांस लेने में परेशानी होना, खांसी आना, सीने में दर्द, थूक में बदलाव होना, आवाज बैठना और खून जम जाना है। ये कैंसर बेहद घातक होता है। यह धूम्रपान के अलावा तंबाकू खाने, हवा में मौजूद प्रदूषण या फिर कार्सिनोजेनिक यौगिक के संपर्क में आने से भी हो सकता है।

कोलोरेक्टल कैंसर
कोलोन या मलाशय के कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर कहते हैं। यह ज्‍यादातर अधिक उम्र की महिलाओं और पुरुषों को इफेक्‍ट करता है। मोटापा, धूम्रपान और इंफ्लामेट्री बॉवेल डिजीज जैसे कई सिमटम्‍स इस कैंसर के रिस्‍क को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा हेल्‍थ लापरवाही , बढ़ती उम्र, फाइबर युक्त भोजन का सेवन कम करने और ज्यादा प्रोसेस्ड वाले फूड जैसे रेड मीट का सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना और बढ़ जाती है। कोलोरेक्टल कैंसर में पेट दर्द, आंत्र में परिवर्तन, मलद्वार से खून बहना और वजन कम होना आदि जैसे लक्षण नजर आते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर की शुरूआत ग्लैंड के टिशू से होती है और यूरिन सिस्‍टम व उसके कार्यों को प्रभावित करना शुरू कर देता है। प्रोस्टेट कैंसर के मामले पिछले कुछ समय से काफी बढ़े हैं। यह काफी खतरनाक होता है और आखिरी स्‍टेज पर आकर ही इसके सिमटम्‍स के बारे में पता चलता है। इस कैंसर में हड्डियों में दर्द, यूरिन के साथ खून आना और प्राइवेट पार्ट में तनाव फील होना शामिल है।

लिवर कैंसर
लिवर कैंसर को समझने से पहले लिवर में मेटास्टेस को भी समझना जरूरी है। दरअसल, लिवर कैंसर यह है कि ये लिवर के अंदर पैदा होता है। वहीं, लिवर में मेटास्टेस होने का मतलब यह है कि किसी और अंग की वजह से लिवर में कैंसर फैला है। इसमें पीलिया, पेट दर्द व भूख कम लगना जैसे लक्षण शामिल हैं। लिवर कैंसर के खतरे को कम करने के लिए शराब के सेवन को सीमित करना, हेल्‍दी डाइट लेना, नियमित व्यायाम करना, वेट मैनेजमेंट और हेपेटाइटिस बी और सी जैसे वायरस से इसके इंफेक्‍शन से खुद को बचाए रखा जा सकता है।

ब्लैडर कैंसर
ब्लैडर कैंसर की शुरुआत ब्‍लैडर की कोशिकाओं में होता है। मूत्राशय (ब्लैडर) आपके निचले पेट में एक खोखला अंग है जो मूत्र को संग्रहीत करता है। ब्लैडर का कैंसर सबसे पहले उन यूरोटेल कोशिकाओं में शुरू होता है जो आपके मूत्राशय के अंदर होती हैं। यूरोटेलियल कोशिकाएं आपके गुर्दे और नलिकाओं में भी पाई जाती हैं। यह किडनी को ब्लैडर से जोड़ती हैं। यूरोटेलियल कैंसर किडनी और मूत्रवाहिनी में भी हो सकता है, लेकिन यह ब्लैडर में ज्‍यादा होता है। इसके मुख्‍य लक्षण पेशाब में खून आना है।