AAP: आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने अमृतसर उत्तर के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह के खिलाफ कड़ा कदम उठाया. पार्टी ने उन्हें पांच साल के लिए निलंबित कर दिया. यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासन भंग करने के आरोप में की गई.
कुंवर विजय प्रताप ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें मजीठिया की पत्नी और विजिलेंस टीम के बीच बहस दिख रही थी. विजय प्रताप ने सुबह-सुबह छापेमारी को अनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि हर परिवार की गरिमा होती है. इस तरह घर में घुसना गलत है.
आप ने अपने बयान में कहा कि नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस उनकी मूल नीति है. पार्टी ने कहा कि इस लड़ाई में बाधा डालने वालों के लिए आप में कोई जगह नहीं है. राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने विजय प्रताप के बयानों को अनुशासनहीनता माना. इसके बाद उन्हें निलंबित करने का फैसला लिया गया. निलंबित विधायक ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने सत्ता के दुरुपयोग को उजागर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि हर सरकार पुलिस और विजिलेंस का गलत इस्तेमाल करती है.
विजय प्रताप ने कहा कि ऐसा करने से किसी को फायदा नहीं हुआ. सच्चाई सामने लानी जरूरी है. उनके इस रुख ने आप नेतृत्व के साथ तनाव बढ़ा दिया. विजय प्रताप का निलंबन आप के लिए बड़ा कदम है. यह पार्टी के भीतर असहमति को लेकर सख्त संदेश देता है. खासकर पंजाब में, जहां नशा एक संवेदनशील मुद्दा है, आप कोई समझौता नहीं करना चाहती. पार्टी ने कहा कि वह नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगी.
कुंवर विजय प्रताप पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. वे अमृतसर उत्तर से आप के विधायक हैं. उनकी छवि एक निष्पक्ष और साहसी नेता की रही है. लेकिन हाल के बयानों ने उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच दरार पैदा कर दी. पंजाब में नशा एक गंभीर समस्या है. आप सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई का वादा किया था. मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस कार्रवाई इसी दिशा में एक कदम था. लेकिन विजय प्रताप के बयानों ने सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए. यह निलंबन आप के लिए आंतरिक और बाहरी चुनौतियां ला सकता है. पार्टी को पंजाब में अपनी एकता और विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी.