इंडिगो संकट के बीच केंद्र सरकार एक्शन में, फेयर पर लगाम लगाने का सख्त निर्देश जारी

इंडिगो संकट के बीच केंद्र सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. जिसके मुताबिक बढ रहे किराए पर लगाम लगाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

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नई दिल्ली: इंडिगो की ओर से कई उड़ाने कैंसल कर दिए गए साथ ही टिकट के दामों में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली. जिसकी वजह से यात्रियों की बीच अफरा-तफरी मच गई. इसी स्थिति को गंभीरता से देखते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को सभी एयरलाइनों के लिए कड़े निर्देश जारी किए.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ कहा है कि मुश्किल हालात का फ़ायदा उठाकर कोई भी एयरलाइन 'मौकापरस्ती वाले किराए' नहीं वसूल सकती. 

सरकार ने जारी किया आदेश

सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, मंत्रालय ने अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल करते हुए सभी प्रभावित रूटों पर 'सही और वाजिब किराया सुनिश्चित किया है. रिलीज़ में कहा गया कि सभी एयरलाइंस को अब तय किए गए किराए की सीमा का सख्ती से पालन करना होगा. यह सीमा तब तक लागू रहेगी, जब तक इंडिगो का संकट पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाता. सरकार का उद्देश्य बाज़ार में संतुलन बनाए रखना, यात्रियों का शोषण रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि सीनियर सिटिज़न्स, स्टूडेंट्स और मरीज़ों जैसे ज़रूरी यात्रियों पर आर्थिक बोझ न बढ़े.

यात्रियों के शोषण बर्दाशत नहीं

मंत्रालय ने कहा कि वह कि रियल-टाइम डेटा की निगरानी करेगा. आदेश के अनुसार एयरलाइनों और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म से लगातार समन्वय रखेगा. किसी भी तरह की अनियमितता मिलने पर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे. सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में यात्रियों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से बड़े ऑपरेशनल क्राइसिस से जूझ रही है. शुक्रवार को एक ही दिन में 1,000 से अधिक फ्लाइट्स रद्द की गईं. शनिवार को स्थिति थोड़ी बेहतर हुई, लेकिन फिर भी 440 से ज़्यादा फ्लाइटें कैंसल हुईं. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को लंबी लाइनों, घंटों की देरी और जानकारी की कमी का सामना करना पड़ा. सभी प्रमुख एयरपोर्ट्स पर 440+ इंडिगो फ्लाइट रद्द दर्ज की गईं. इंडिगो के स्टाफिंग और ऑपरेशन से जुड़ी समस्याएं अब भी पूरी तरह हल नहीं हुई हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी जारी है.

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