Kolkata Law College Student: कोलकाता पुलिस ने लॉ कॉलेज छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में मोनोजित मिश्रा को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है. मिश्रा के साथ दो छात्र, जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20), और एक गार्ड को भी हिरासत में लिया गया. चारों कॉलेज से जुड़े हैं.
मिश्रा कोई नया अपराधी नहीं है. वह एक हिस्ट्रीशीटर है, जिस पर यौन उत्पीड़न, मारपीट, तोड़फोड़ और चोरी के कई मामले दर्ज हैं. कालीघाट, कस्बा, अलीपुर, हरिदेवपुर और टॉलीगंज पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ कई एफआईआर हैं. 2019 में मिश्रा ने कॉलेज में एक महिला के कपड़े फाड़े थे. उसी साल उन्होंने एक दोस्त के घर से सोने की चेन और अन्य सामान चुराया. 2022 में उन पर एक महिला को परेशान करने का आरोप लगा. मई 2024 में कॉलेज गार्ड पर हमले का भी मामला दर्ज हुआ.
मिश्रा ने सोशल मीडिया पर खुद को टीएमसी की छात्र शाखा (टीएमसीपी) का पूर्व इकाई प्रमुख बताया था. उन्हें टीएमसी नेताओं के साथ तस्वीरों में भी देखा गया. हालांकि, टीएमसी ने उनसे दूरी बना ली. टीएमसीपी अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्जी ने कहा, “जब मिश्रा छात्र थे, तो उन्हें छोटा पद दिया गया था. 2022 में उनका नाम समिति से हटा दिया गया.” टीएमसी विधायक अशोक देब ने कहा, “मैंने कभी उनके नाम की सिफारिश नहीं की. लोग मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, मैं उनके लिए जिम्मेदार नहीं हूँ.”
मिश्रा ने पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या के मामले में बलात्कारी के लिए मौत की सजा की मांग की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि बलात्कारी के लिए मौत की सजा चाहिए. न्याय चाहिए, ड्रामा नहीं. तत्काल न्याय चाहिए. अब उसी तरह के अपराध में उनका नाम सामने आया है. कॉलेज की उप-प्रधानाचार्य नयना चटर्जी ने बताया कि मिश्रा को 45 दिन पहले अनुबंध पर रखा गया था. टीएमसी विधायक अशोक देब शासी संस्था के अध्यक्ष हैं. उन्होंने मिश्रा की भर्ती में अपनी भूमिका से इनकार किया. साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में यह घटना सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है.