दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस से निष्कासित, 6 साल तक लगा बैन

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सचिव तारिक अनवर ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने लक्ष्मण सिंह को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. यह निष्कासन छह साल के लिए है.

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Courtesy: Social Media

Laxman Singh: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण की गई. लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं. कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने यह फैसला बुधवार को लिया.

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सचिव तारिक अनवर ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने लक्ष्मण सिंह को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. यह निष्कासन छह साल के लिए है. बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि लक्ष्मण सिंह ने कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियां कीं.

सिफारिश से शुरू हुई कार्रवाई

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने लक्ष्मण सिंह के खिलाफ सिफारिश की थी. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. हालांकि लक्ष्मण सिंह पहले से ही विवादों में रहे हैं. वे मध्य प्रदेश से पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं. 1990 में वे पहली बार विधायक बने. 1994 में राजगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए. 2004 में दोबारा लोकसभा जीतने के बाद वे भाजपा में चले गए. 2013 में वे फिर कांग्रेस में लौट आए. कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह की गतिविधियों को पार्टी के हितों के खिलाफ माना. हालांकि, बयान में विशिष्ट कारणों का जिक्र नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, उनकी कुछ बयानबाजी और गतिविधियां पार्टी लाइन के खिलाफ थीं. यह निष्कासन पार्टी में अनुशासन बनाए रखने का संदेश देता है.

क्या है कांग्रेस की रणनीति?

कांग्रेस के इस कदम को मध्य प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है. पार्टी विरोधी गतिविधियों पर सख्ती दिखाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एकजुटता का संदेश देना चाहती है. खासकर, मध्य प्रदेश में आगामी चुनावों को देखते हुए यह फैसला महत्वपूर्ण है. लक्ष्मण सिंह ने अभी तक इस निष्कासन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. उनके समर्थकों का कहना है कि वे जल्द ही अपनी बात रख सकते हैं. कुछ लोग इसे दिग्विजय सिंह के प्रभाव को कम करने की कोशिश मान रहे हैं. यह निष्कासन मध्य प्रदेश कांग्रेस में नई हलचल पैदा कर सकता है. लक्ष्मण सिंह के अगले कदम पर सबकी नजर है. क्या वे नई राजनीतिक राह चुनेंगे या कांग्रेस में वापसी की कोशिश करेंगे? यह मामला मध्य प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना रहेगा.

Laxman Singh: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण की गई. लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं. कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने यह फैसला बुधवार को लिया.

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सचिव तारिक अनवर ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने लक्ष्मण सिंह को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. यह निष्कासन छह साल के लिए है. बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि लक्ष्मण सिंह ने कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियां कीं.

सिफारिश से शुरू हुई कार्रवाई

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने लक्ष्मण सिंह के खिलाफ सिफारिश की थी. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. हालांकि लक्ष्मण सिंह पहले से ही विवादों में रहे हैं. वे मध्य प्रदेश से पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं. 1990 में वे पहली बार विधायक बने. 1994 में राजगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए. 2004 में दोबारा लोकसभा जीतने के बाद वे भाजपा में चले गए. 2013 में वे फिर कांग्रेस में लौट आए. कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह की गतिविधियों को पार्टी के हितों के खिलाफ माना. हालांकि, बयान में विशिष्ट कारणों का जिक्र नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, उनकी कुछ बयानबाजी और गतिविधियां पार्टी लाइन के खिलाफ थीं. यह निष्कासन पार्टी में अनुशासन बनाए रखने का संदेश देता है.

क्या है कांग्रेस की रणनीति?

कांग्रेस के इस कदम को मध्य प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है. पार्टी विरोधी गतिविधियों पर सख्ती दिखाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एकजुटता का संदेश देना चाहती है. खासकर, मध्य प्रदेश में आगामी चुनावों को देखते हुए यह फैसला महत्वपूर्ण है. लक्ष्मण सिंह ने अभी तक इस निष्कासन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. उनके समर्थकों का कहना है कि वे जल्द ही अपनी बात रख सकते हैं. कुछ लोग इसे दिग्विजय सिंह के प्रभाव को कम करने की कोशिश मान रहे हैं. यह निष्कासन मध्य प्रदेश कांग्रेस में नई हलचल पैदा कर सकता है. लक्ष्मण सिंह के अगले कदम पर सबकी नजर है. क्या वे नई राजनीतिक राह चुनेंगे या कांग्रेस में वापसी की कोशिश करेंगे? यह मामला मध्य प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना रहेगा.

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