राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग का रिप्लाई, ECI ने कांग्रेस सांसद को दी चुनौती

राहुल गांधी के गंभीर आरोपों पर भारतीय चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रया दी है. ईसीआई ने गांधी के आरोपों को 'भ्रामक और निराधार' बताया है. साथ ही यह भी कहा कि अगर वह अपनी बातों पर अभी भी खड़े हैं तो उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए और अगर नहीं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिएय.

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Courtesy: Social Media

Election Commission of India: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी आरोपों पर भारतीय चुनाव आयोग का बयान आया है. ECI ने उनके इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है. साथ ही उन्हें माफी मांगने के लिए कहा है. कांग्रेस सांसद ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर मतदाता सूचियों में हेराफेरी करने और चुनाव को प्रभावित करने के लिए भाजपा के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया था.

चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए गांधी के आरोपों को 'भ्रामक और निराधार' बताया है. आयोग ने कहा कि कांग्रेस नेता को या तो चुनाव नियमों में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार एक औपचारिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए या सार्वजनिक रूप से अपने इन दावों के लिए माफी मांगनी चाहिए.

बेतुके निष्कर्षों पर मांगें माेंफी

ECI ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगर अपने बयानों पर कायम है तो उन्हें घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे उनके आरोपों की विश्वसनीयता पर गंभीर संदेह पैदा होता है. चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ऐसा न करने से यह पता चलेगा कि उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है और इसलिए उन्हें 'बेतुके निष्कर्षों' से नागरिकों को गुमराह करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. आयोग ने आगे जोर दिया कि भारत में चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और मज़बूत है. इसमें किसी भी तरह की हेराफेरी या धोखाधड़ी संभव नहीं है. यह रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं.

राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप 

एक घंटे से ज्यादा चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए. साथ ही उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में 'सबूत' पेश करने का दावा किया. गांधी ने कई प्रस्तुतियां साझा कीं और दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची का मैन्युअल विश्लेषण किया था और कई गड़बड़ी पाई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि नामों की नकल करके, गलत पते इस्तेमाल करके और गलत तस्वीरें लगाकर फर्ज़ी मतदाता बनाए गए. उन्होंने दावा किया था कि बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से भी अधिक वोट 'चोरी' किए गए. उन्होंने यह भी दावा कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग SIR के माध्यम से मतदाता सूची में कुछ फेरबदल करने की कोशिश कर रही है. 

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