Emergency: 'लोकतंत्र को बंधक बनाया', पीएम मोदी ने याद किया लोकतंत्र का काला अध्याय

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है, इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने बताया कि उस समय संविधान के मूल्यों को रौंदा गया. मौलिक अधिकार छीन लिए गए. प्रेस की आजादी खत्म कर दी गई.

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Courtesy: Social Media

Emergency: भारत में आज आपातकाल की 50वीं बरसी मनाई जा रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश के लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया. उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर संविधान की भावना को कुचलने और नागरिक स्वतंत्रता को खत्म करने का आरोप लगाया. पीएम ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए उस दौर की ज्यादतियों को याद किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है, इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने बताया कि उस समय संविधान के मूल्यों को रौंदा गया. मौलिक अधिकार छीन लिए गए. प्रेस की आजादी खत्म कर दी गई. कई राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और आम नागरिक जेल में डाल दिए गए. 

एकमात्र लक्ष्य लोकतंत्र की रक्षा

पीएम मोजी ने कहा कि ऐसा लगा जैसे कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था. पीएम मोदी ने आपातकाल के खिलाफ लड़े लोगों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि देश के हर कोने से, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग एकजुट हुए. उनका एकमात्र लक्ष्य था लोकतंत्र की रक्षा करना. इस सामूहिक संघर्ष ने कांग्रेस सरकार को मजबूर किया कि वह लोकतंत्र बहाल करे. नए चुनाव कराए गए, जिसमें कांग्रेस को करारी हार मिली. पीएम ने कहा कि हम उन सभी को सलाम करते हैं, जिन्होंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया.

आपातकाल में पीएम मोदी की भूमिका

प्रधानमंत्री ने अपने निजी अनुभव भी साझा किए. उस समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के युवा प्रचारक थे. इस हादसे ने उन्हें लोकतंत्र की अहमियत समझाई. उन्होंने विभिन्न विचारधाराओं के लोगों से बहुत कुछ सीखा. पीएम ने अपनी किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज’ का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने उस दौर की यादें संजोई हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने अनुभव साझा करें ताकि युवा पीढ़ी उस काले दौर को समझ सके. पीएम मोदी ने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संविधान के सिद्धांतों को मजबूत करेगी. वह विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए काम कर रही है. गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हम नई ऊंचाइयों को छूएंगे और देश को प्रगति के पथ पर ले जाएंगे.

कांग्रेस पर तीखा हमला

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान संसद की आवाज दबाई गई. अदालतों को नियंत्रित करने की कोशिश की गई. 42वां संशोधन इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि गरीब, दलित और हाशिए पर पड़े लोगों को खास तौर पर निशाना बनाया गया. पीएम ने कहा कि आपातकाल का दौर हमें सिखाता है कि लोकतंत्र को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने युवाओं से उस समय की ज्यादतियों को याद रखने की अपील की. उनकी किताब और लोगों के अनुभव नई पीढ़ी को जागरूक करेंगे. 

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