कोलकाता रेप मामले में पांच सदस्यीय SIT गठित, मामले की जांच शुरू

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 24 वर्षीय पीड़िता ने अपनी लिखित शिकायत में कहा कि वह एक परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेज गई थी. परीक्षा के बाद उसे यूनियन रूम में जबरन रोका गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक पूर्व छात्र ने उसके विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के बाद उसके साथ बलात्कार किया.

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Courtesy: Social Media

Kolkata Law College Student Case: कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस गंभीर मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. यह घटना कॉलेज परिसर में एक सुरक्षा गार्ड के कमरे में हुई थी.

पुलिस ने इस मामले की गहन जांच के लिए विशेष निगरानी प्रभाग (एसएसडी) के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) प्रदीप कुमार घोषाल की अगुवाई में एसआईटी बनाई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी तुरंत अपनी जांच शुरू करेगी. पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन मुख्य आरोपी और एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं.

विवाह के प्रस्ताव को नहीं मानी छात्रा

पुलिस ने इस मामले में तीन मुख्य आरोपियों मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. इन तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इसके अलावा एक गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि गार्ड को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई. पीड़िता के मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट ने बलात्कार के आरोपों की पुष्टि की है.

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 24 वर्षीय पीड़िता ने अपनी लिखित शिकायत में कहा कि वह एक परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेज गई थी. परीक्षा के बाद उसे यूनियन रूम में जबरन रोका गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक पूर्व छात्र, जो आपराधिक वकील और कॉलेज का संविदा कर्मचारी भी है, ने उसके विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के बाद उसके साथ बलात्कार किया. इस दौरान दो मौजूदा छात्रों ने पहरा दिया और इस अपराध की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की. 

राष्ट्रीय महिला आयोग की सख्त प्रतिक्रिया  

एनसीडब्ल्यू ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्वत: संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहतकर ने इसे "गंभीर" बताते हुए कहा कि इस घटना ने समाज की चेतना को झकझोर दिया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई और पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. एनसीडब्ल्यू ने पीड़िता और उसके परिवार के साथ बैठक की मांग की है, ताकि उनकी भलाई और सम्मान सुनिश्चित किया जा सके.

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