गुजरात में बाढ़ का कहर, बोटाद में कार बहने से चार लोगों की मौत

गुजरात में तेज बारिश की वजह से मंगलवार को चार लोगों की मौत हो गई. एनडीआरएफ के अधिकारी के मुताबिक, यह हादसा तड़के हुआ. एक ईको कार, जिसमें नौ यात्री सवार थे, बोटाद में नदी में बह गई. यह कार संभवतः साझा टेंपो के रूप में चल रही थी. भारी बारिश और जलभराव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया.

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Courtesy: Social Media

Gujarat Flood:  गुजरात के बोटाद जिले में भारी बारिश ने लोगों की चींता बढ़ा दी है. पानी की तेज रफ्तार में मंगलवार रात एक कार नदी में बह गई. जिसकी वजह से चार लोगों की मौत हो गई. बताया जा राह है कि अभी भी तीन लोग लापता हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने दो लोगों को बचाया. बचाव अभियान अब भी जारी है.

एनडीआरएफ के अधिकारी के मुताबिक, यह हादसा तड़के हुआ. एक ईको कार, जिसमें नौ यात्री सवार थे, बोटाद में नदी में बह गई. यह कार संभवतः साझा टेंपो के रूप में चल रही थी. भारी बारिश और जलभराव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. एनडीआरएफ ने चार शव बरामद किए. दो यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया. तीन लापता लोगों की तलाश जारी है.

बचाव कार्य में जुटी टीम

सौराष्ट्र और गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश ने बाढ़ ला दी है.बारिश से जुड़ी घटनाओं में मंगलवार को 18 लोगों की मौत हो गई. बोटाद में खंभाड़ा बांध के गेट खोलने से जलस्तर बढ़ गया. गडगडा रोड जैसी प्रमुख सड़कें बंद हो गईं. भावनगर जिले में स्कूल बंद कर दिए गए. बाढ़ से लोगों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. एनडीआरएफ की छठी बटालियन ने 12 जिलों में टीमें तैनात की हैं. इनमें जूनागढ़, द्वारका, पोरबंदर, अमरेली, राजकोट, भावनगर, कच्छ, वलसाड, गांधीनगर, सूरत और पाटन शामिल हैं. टीम कमांडर इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी ने बताया कि जलभराव के कारण सड़कें अवरुद्ध थीं.

वैकल्पिक रास्ते भी बंद थे. जिला प्रशासन की मदद से उनकी टीम शाम साढ़े सात बजे बोटाद पहुंची. रात साढ़े ग्यारह बजे तक बचाव अभियान चला. इस दौरान उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए. भाटी ने कहा कि गंभीर जलभराव ने बचाव कार्य को मुश्किल बनाया. संकरे गांवों के रास्ते भी बंद थे. फिर भी, एनडीआरएफ ने हार नहीं मानी. सुबह साढ़े तीन बजे टीम बेस पर लौटी. स्थानीय प्रशासन भी अभियान में सहयोग कर रहा है. लापता यात्रियों की तलाश तेज कर दी गई है. 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने 25 प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) भी एनडीआरएफ के साथ मिलकर काम कर रहा है. गुजरात में बारिश का कहर जारी है. अमरेली जिला भी बुरी तरह प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति पहुंचाई जा रही है. बोटाद और अन्य जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. एनडीआरएफ और प्रशासन दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं. लापता लोगों को ढूंढने और प्रभावितों को सहायता पहुंचाने का प्रयास जारी है. गुजरात इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एकजुट है.
 

Gujarat Flood:  गुजरात के बोटाद जिले में भारी बारिश ने लोगों की चींता बढ़ा दी है. पानी की तेज रफ्तार में मंगलवार रात एक कार नदी में बह गई. जिसकी वजह से चार लोगों की मौत हो गई. बताया जा राह है कि अभी भी तीन लोग लापता हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने दो लोगों को बचाया. बचाव अभियान अब भी जारी है.

एनडीआरएफ के अधिकारी के मुताबिक, यह हादसा तड़के हुआ. एक ईको कार, जिसमें नौ यात्री सवार थे, बोटाद में नदी में बह गई. यह कार संभवतः साझा टेंपो के रूप में चल रही थी. भारी बारिश और जलभराव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. एनडीआरएफ ने चार शव बरामद किए. दो यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया. तीन लापता लोगों की तलाश जारी है.

बचाव कार्य में जुटी टीम

सौराष्ट्र और गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश ने बाढ़ ला दी है.बारिश से जुड़ी घटनाओं में मंगलवार को 18 लोगों की मौत हो गई. बोटाद में खंभाड़ा बांध के गेट खोलने से जलस्तर बढ़ गया. गडगडा रोड जैसी प्रमुख सड़कें बंद हो गईं. भावनगर जिले में स्कूल बंद कर दिए गए. बाढ़ से लोगों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. एनडीआरएफ की छठी बटालियन ने 12 जिलों में टीमें तैनात की हैं. इनमें जूनागढ़, द्वारका, पोरबंदर, अमरेली, राजकोट, भावनगर, कच्छ, वलसाड, गांधीनगर, सूरत और पाटन शामिल हैं. टीम कमांडर इंस्पेक्टर विनय कुमार भाटी ने बताया कि जलभराव के कारण सड़कें अवरुद्ध थीं.

वैकल्पिक रास्ते भी बंद थे. जिला प्रशासन की मदद से उनकी टीम शाम साढ़े सात बजे बोटाद पहुंची. रात साढ़े ग्यारह बजे तक बचाव अभियान चला. इस दौरान उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए. भाटी ने कहा कि गंभीर जलभराव ने बचाव कार्य को मुश्किल बनाया. संकरे गांवों के रास्ते भी बंद थे. फिर भी, एनडीआरएफ ने हार नहीं मानी. सुबह साढ़े तीन बजे टीम बेस पर लौटी. स्थानीय प्रशासन भी अभियान में सहयोग कर रहा है. लापता यात्रियों की तलाश तेज कर दी गई है. 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने 25 प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) भी एनडीआरएफ के साथ मिलकर काम कर रहा है. गुजरात में बारिश का कहर जारी है. अमरेली जिला भी बुरी तरह प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति पहुंचाई जा रही है. बोटाद और अन्य जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. एनडीआरएफ और प्रशासन दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं. लापता लोगों को ढूंढने और प्रभावितों को सहायता पहुंचाने का प्रयास जारी है. गुजरात इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एकजुट है.
 

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