Army Chief Meets Rambhadracharya: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आश्रम का दौरा किया. इस खास मुलाकात में उन्होंने आध्यात्मिक गुरु से आशीर्वाद लिया. रामभद्राचार्य ने इस अवसर पर सेना प्रमुख को राम मंत्र की दीक्षा दी. यह वही मंत्र है, जो भगवान हनुमान ने माता सीता से प्राप्त किया था.
इसके साथ ही, उन्होंने दक्षिणा के रूप में पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (पीओके) मांगा. उन्होंने कहा कि मुझे पीओके वापस चाहिए. यह बयान देशभक्ति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम दर्शाता है.
जनरल द्विवेदी ने आश्रम के साथ-साथ सद्गुरु सेवा केंद्र का भी दौरा किया. यहां उन्होंने सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में एक अत्याधुनिक सिम्युलेटर मशीन का उद्घाटन किया. यह मशीन डॉक्टरों को सर्जरी से पहले प्रशिक्षण देने में मदद करती है. केंद्र के एक सदस्य ने बताया कि यह मशीन सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है. खास बात यह है कि भारत में ऐसी केवल चार से पांच मशीनें हैं. मध्य प्रदेश में यह अपनी तरह की पहली मशीन है. जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन थियेटर की प्रक्रिया को भी देखा और इसे सराहा.
सद्गुरु सेवा केंद्र के सदस्य ने बताया कि जनरल द्विवेदी को केंद्र के 140 दृष्टि केंद्रों और नेत्र सर्जनों के नेटवर्क के बारे में जानकारी दी गई. सेना प्रमुख इस कार्य की विशालता और दक्षता से बहुत प्रभावित हुए. केंद्र के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने इसे सामाजिक सेवा का शानदार उदाहरण बताया. इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि सेवा केंद्र और सेना के बीच सहयोग से जवानों को कैसे लाभ पहुंचाया जा सकता है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मुलाकात का जिक्र किया गया. पोस्ट में बताया गया कि जनरल द्विवेदी तुलसी पीठ चित्रकूट धाम पहुंचे.
वहां उन्होंने संतों और छात्रों को संबोधित किया और भारतीय सेना की वीरता की कहानियां साझा कीं. उनकी यह बातें सुनकर सभी में देशभक्ति का जोश जागा. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. उनकी इस यात्रा ने न केवल आध्यात्मिक महत्व रखा, बल्कि यह भी दिखाया कि सेना और समाज के बीच गहरा जुड़ाव है.
Army Chief Meets Rambhadracharya: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आश्रम का दौरा किया. इस खास मुलाकात में उन्होंने आध्यात्मिक गुरु से आशीर्वाद लिया. रामभद्राचार्य ने इस अवसर पर सेना प्रमुख को राम मंत्र की दीक्षा दी. यह वही मंत्र है, जो भगवान हनुमान ने माता सीता से प्राप्त किया था.
इसके साथ ही, उन्होंने दक्षिणा के रूप में पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (पीओके) मांगा. उन्होंने कहा कि मुझे पीओके वापस चाहिए. यह बयान देशभक्ति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम दर्शाता है.
जनरल द्विवेदी ने आश्रम के साथ-साथ सद्गुरु सेवा केंद्र का भी दौरा किया. यहां उन्होंने सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में एक अत्याधुनिक सिम्युलेटर मशीन का उद्घाटन किया. यह मशीन डॉक्टरों को सर्जरी से पहले प्रशिक्षण देने में मदद करती है. केंद्र के एक सदस्य ने बताया कि यह मशीन सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है. खास बात यह है कि भारत में ऐसी केवल चार से पांच मशीनें हैं. मध्य प्रदेश में यह अपनी तरह की पहली मशीन है. जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन थियेटर की प्रक्रिया को भी देखा और इसे सराहा.
सद्गुरु सेवा केंद्र के सदस्य ने बताया कि जनरल द्विवेदी को केंद्र के 140 दृष्टि केंद्रों और नेत्र सर्जनों के नेटवर्क के बारे में जानकारी दी गई. सेना प्रमुख इस कार्य की विशालता और दक्षता से बहुत प्रभावित हुए. केंद्र के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने इसे सामाजिक सेवा का शानदार उदाहरण बताया. इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि सेवा केंद्र और सेना के बीच सहयोग से जवानों को कैसे लाभ पहुंचाया जा सकता है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मुलाकात का जिक्र किया गया. पोस्ट में बताया गया कि जनरल द्विवेदी तुलसी पीठ चित्रकूट धाम पहुंचे.
वहां उन्होंने संतों और छात्रों को संबोधित किया और भारतीय सेना की वीरता की कहानियां साझा कीं. उनकी यह बातें सुनकर सभी में देशभक्ति का जोश जागा. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया. उनकी इस यात्रा ने न केवल आध्यात्मिक महत्व रखा, बल्कि यह भी दिखाया कि सेना और समाज के बीच गहरा जुड़ाव है.