लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे जयंत सिन्हा, जेपी नड्डा से अपील कर कहा-चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करें

Lok Sabha Election: जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. वह पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचित हुए थे. जयंत को पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी.

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हाइलाइट्स

  • लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे जयंत सिन्हा
  • जेपी नड्डा से अपील कर कहा-चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करें

Lok Sabha Election: देश में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों के बीच हलचल तेज हो गई है. ऐसे में सभी पार्टियां जनता के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए बड़ी- बड़ी रैलियां व राजनीतिक जनसभाएं कर रहे हैं. इस बीच झारखंड के हजारीबाग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कही है. उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस बात की जानकारी दी. इससे पहले पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने भी खुद को राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अपील की थी. 

जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी दायित्वों  से मुक्त करें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. बेशक, मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा. मुझे पिछले 10 वर्षों से भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है. इसके अलावा, मुझे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के नेतृत्व की और से प्रदान किए गए कई अवसरों का भी आशीर्वाद मिला है". 

मोदी कार्यकाल में रह चुके हैं मंत्री 

भाजपा सांसद जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. वह पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचित हुए थे. जयंत को पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी. वह  2016 से 2019 के बीच ने उड्डयन राज्य मंत्री रह चुके हैं.

इसके अलावा 2014 से 2016 के बीच जयंत सिन्हा वित्त राज्य मंत्री के रूप की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. सिन्हा को 2019 में एकबार फिर हजारीबाग सीट से टिकट दिया गया था और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. उन्होंने शानदार जीत हासिल की. मगर पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें किसी भी  मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं दी गई थी.